नूंह में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में करोड़ों का घोटाला: 5 फर्जी किसानों पर FIR, फेक डॉक्यूमेंट से जमीन दिखाकर कैश लिया – Nuh News

नूंह में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ठगों द्वारा फर्जी किसानों के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर बीमा कंपनी से करोड़ों रुपए ठगने का मामला सामने आया है। भूमिहीन ‘फर्जी किसानों’ के नाम 50 से 100 एकड़ तक भूमि दर्शाकर बीमा क्लेम फाइल किया गया। आपसी मिलीभगत से
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इन करोड़ों रुपयों को फर्जी किसान और रैकेट में शामिल लोग मिलकर डकार गए। नूंह सदर थाना पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं सहित 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
साजिशकर्ताओं ने 15 से लेकर 50-60 हेक्टेयर तक के फर्जी दस्तावेज तैयार किए 2022-23 में रबी की फसल का बीमा बजाज एलियांज कंपनी ने किया था। यह बीमा दो तरह से किया गया। पहला फसल खराबे का और दूसरा एक्सपेरिमेंट बेस्ड यानि फसल प्रयोग या उत्पादन आधारित। साजिशकर्ताओं ने ऐसे किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जिनके नाम एक इंच भी खेती योग्य जमीन नहीं।
इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। मुआवजा हेक्टेयर में दिया जाना था। इसलिए साजिशकर्ताओं ने 15 से लेकर 50-60 हेक्टेयर तक के फर्जी दस्तावेज तैयार कर मुआवजे के लिए क्लेम कर दिया। क्लेम न सिर्फ पास हुआ, मुआवजा राशि भी आ गई।
करीब साढ़े 27 लाख रुपए तीन बैंक खातों में गए आरोपियों ने बीमा कंपनी ने को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से लाभार्थी फर्जी किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दिया। बैंक खातों से पैसा निकालकर फर्जी किसान और साजिशकर्ता डकार गए। पिछले महीने तीन फर्जी किसानों के खाते में करीब साढ़े 27 लाख रुपए की राशि भी जारी हो चुकी है।
घोटाला पकड़ में आया तो जांच एजेंसी की सिफारिश पर काफी किसानों की पेमेंट रोक दी गई। नूंह सदर थाने के जांच अधिकारी एएसआई कमल सिंह ने बताया कि आर्शिदा, जाहिदा, रमजानों, जाफिर और मुबीन खान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें मुबीन खान पाॅलिसी क्रिएटर है, जबकि शेष को किसान दर्शाया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है।
ज्यादा पैसा आया तो गहराया शक बैंक में फसल बीमा क्लेम का पैसा हस्तांतरित हुआ तो जांच एजेंसियों को शक हुआ। इस पूरे मामले की जांच सीएम फ्लाइंग गुरुग्राम टीम में सब इंस्पेक्टर रहे मदन सिंह (अब इंस्पेक्टर) ने की। नूंह, पुन्हाना व पिनगवां में छह फर्जी किसानों के नाम 52 एंट्री पकड़ी गई हैं।
जांच के बाद फिलहाल तीन पुलिस थानों में छह किसानों समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की प्राथमिक जांच में घोटाला डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का होना पाया गया है। अभी 919 संदिग्ध एंट्री बताई जा रही हैं।
बारीकी की जांच हुई तो और होंगे खुलासे प्राथमिक तौर पर पूरे मामले की जांच सिर्फ ऐसे किसानों को लेकर हुई, जिनके खाते में 10 लाख रुपए से ज्यादा की राशि हस्तांतरित हुई। इस मामले का खुलासा करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया बहुत लंबी है। इसे पूरा करने में महीनों लग सकते हैं। लेकिन जांच बारीकी से हुई तो न सिर्फ घोटाले की राशि कई गुणा बढ़ेगी, बल्कि गुनहगारों की संख्या भी बढ़ेगी। इस पूरी प्रक्रिया में ‘फर्जी किसानों’ से ज्यादा साजिशकर्ताओं की भूमिका है।