नीतीश कुमार का ‘किला’ बचेगा या लगेगी सेंध, किस पर चला है तीर… तेजस्वी या फिर बीजेपी ?

पटना. बिहार के राजनीतिक गलियारे में सीएम नीतीश कुमार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इन सब के बीच नीतीश कुमार ‘मिशन बिहार’ पर निकल चुके हैं. नीतीश कुमार सोमवार को ‘प्रगति यात्रा’ के पहले चरण की शुरुआत पश्चिम चंपारण से कर चुके हैं. हालांकि, इस यात्रा के शुरू होने के वक्त राज्य के दोनों डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी नजर नहीं आए. नीतीश कुमार के ‘प्रगति यात्रा’ से पहले जेडीयू ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें लिखा है ‘जब बात बिहार की हो, नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो’. इस पोस्टर के स्लोगन से साफ झलक रहा है कि नीतीश कुमार विहार विधानसभा चुनाव 2025 में ‘ सीएम कुर्सी’ से समझौता नहीं करने वाले हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या जेडीयू इस पोस्टर के जरिए तेजस्वी यादव या बीजेपी किसको संदेश देना चाहती है?
नीतीश कुमार बीते 15 दिसंबर को ही मिशन बिहार पर निकलने वाले थे. लेकिन, स्वास्थ्य कारणों की वजह से उस समय यात्रा स्थगित कर दी गई थी. लेकिन, सोमवार को यह यात्रा एक फिर से शुरू हो चुकी है. कहा जा रहा है कि पहले इस यात्रा का नाम ‘महिला संवाद यात्रा’ था, जिसे बाद में ‘प्रगति यात्रा’ का नाम दिया गया. आरजेडी सूप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों इस यात्रा पर पहले तंज कस चुके हैं. लेकिन, नीतीश कुमार अब इस यात्रा के जरिए सियासी माहौल को समझने और अपने पक्ष में करने में लग गए हैं. सीएम महिलाओं के बीच जाकर सरकार द्वारा की गई कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताना शुरू कर दिया है.
क्या नीतीश कुमार फिर बदलेंगे पाला?
नीतीश कुमार पहले चरण में 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक पश्चिमी चंपारण से लेकर मिथिलांचल के कई इलाकों का दौरा करेंगे और मतदाताओं का नब्ज भी टटोलेंगे. कहा जा रहा है कि बीते कई दिनों से खासकर आंबेडकर विवाद हो या अरविंद केजरीवाल की नीतीश कुमार के नाम चिट्ठी, सभी मुद्दों पर सीएम नीतीश मौन धारण कर रखा है. खासकर, अरविंद केजरीवाल के पत्र पर नीतीश कुमार की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आने से बीजेपी के अंदर बैचेनी बढ़ गई है. हालांकि, संजय झा ने जरूर इस पर जवाब दिया है. लेकिन, बीते कुछ महीनों से ललन सिंह और संजय झा से नीतीश कुमार ज्यादा नहीं मिल रहे हैं. इसी का नतीजा है कि बिहार बीजपी नेताओं ने सुरजकुंड से नीतीश कुमार के नाम को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया.
नीतीश कुमार के खामोशी के मायने?
बीजेपी नेताओं की हरियाणा में दो दिनों से चली आ रही बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक के बाद राज्य के बीजेपी अध्यक्ष ने ऐलान कर दिया है कि बिहार के आगामी विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नाम पर ही लड़ा जाएगा. आपको बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार की खामोशी पहले भी कई बार तूफान ला चुकी है. ऐसे में नीतीश कुमार की चुप्पी के बीच प्रगति यात्रा के लिए निकलना और इस यात्रा में बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम की उपस्थिति नहीं होने के मायने निकाले जा रहे थे.
सीएम की कुर्सी को लेकर हैं परेशान?
बता दें कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एनडीए में शामिल हुए थे. इसके बाद नीतीश कुमार कई मौकों खासकर पीएम मोदी के साथ कई मंचों पर बोल चुके हैं कि अब कहीं इधर-उधर नहीं जाएंगे. नीतीश बोलते रहते हैं कि जो गलती हो गई वह अब दोबारा नहीं करेंगे. लेकिन, नीतीश कुमार का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि जबतक उनको सीएम कुर्सी देने की गारंटी नहीं मिल जाती, तबतक वह पलटीमार पॉलिटिक्स का विकल्फ अपने पास रखे रहेंगे.
ऐसे में नीतीश कुमार के लिए यह फैसला थोड़ी राहत देने वाली है. लेकिन, अगर नीतीश कुमार महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे देखेंगे तो शायद उनको इस बात का अभी भी डर सता रहा होगा कि अगर नंबर गेम में बीजेपी से जेडीयू पिछड़ती है तो कहीं उन्हें बीजेपी किनारे न कर दे? क्योंकि, इसी नंबर गेम में पिछड़ने के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की सीएम की कुर्सी चली गई.
Tags: Bihar BJP, Bihar politics, CM Nitish Kumar
FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 18:50 IST