Published On: Wed, Jul 10th, 2024

नीतीश का सियासी उत्तराधिकारी कौन? बेटा या यह IITian, इन 3 दमदार फैक्टर्स ने कर दिया इशारा!


बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होने जा रहा है. बीते करीब तीन दशक से राज्य की राजनीति के केंद्र में रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सियासी उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. नीतीश कुमार 71 साल के हो गए हैं. उनके स्वास्थ्य को लेकर भी बीच-बीच में चर्चा होती है. लेकिन, नीतीश ने अपनी पार्टी जदयू में अभी तक आधिकारिक रूप से किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया है. राजनीति के जानकार समय-समय पर यह भी भविष्यवाणी करते हैं कि नीतीश के बाद एक पार्टी के रूप में जदयू का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.

इस बात में दम भी लगता है. क्योंकि नीतीश के वक्त समाजावादी आंदोलन के तमाम नेता बड़ी सफलता से राजनीति में सक्रिय रहते अपने उत्तराधिकारी तय कर लिए. बात चाहे यूपी में दिवंगत मुलायम सिंह यादव की हो या बिहार में लालू प्रसाद यादव की या फिर दिवंगत रामविलास पासवान की. मुलायम पूरी तरह सक्रिय रहते 2012 में अखिलेश यादव को राज्य की सीएम की कुर्सी सौंप दी थी. इसी तरह बिहार में लालू ने बहुत कम उम्र में छोटे बेटे तेजस्वी यादव को जिम्मेदारी सौंप दी. वह नीतीश के साथ राजद की पहली सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे. कुछ ऐसी ही कहानी रामविलास पासवान और उनके बेटे और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की है.

उधर, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने भी अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को अपना उत्तराधिकारी बना दिया है. यहां तक कि मायावती भी अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने की बात कर चुकी हैं. लेकिन, इन सबसे में नीतीश ही एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अभी तक किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया है. इतना ही नहीं उनके परिवार से कोई दूसरा राजनीति में नहीं है. उनके इकलौते बेटे हैं निशांत कुमार, जो बेहद लो प्रोफाइल रहते हैं. वह आज तक किसी राजनीतिक मंच पर अपने पिता के साथ नहीं दिखे हैं.

नीतीश के संभावित उत्तराधिकारी
ऐसे में देश भर के राजनीतिक पंडितों की नजर नीतीश के संभावित उत्तराधिकारी पर रहती है. तीन-चार साल पहले तक जदयू के एक नेता आरसीपी सिंह को नीतीश का उत्तराधिकारी बताया जाता था. वह जदयू के संगठन मंत्री बनाए गए थे. वह राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री थे. 2022 में कुछ खटपट होने के बाद वह नीतीश से दूर हो गए.

nitish kumar possible successor iitian ex ias manish verma not his son nishant kumar

बेटे निशांत के साथ सीएम नीतीश कुमार.

इस पूर्व आईएएस पर नजर
अब राजनीति के जानकार पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को नीतीश के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देख रहे हैं. मनीष 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस हैं. उन्होंने 2018 में आईएएस से इस्तीफा दे दिया था. फिर वह नीतीश कुमार के साथ करीबी रूप से काम करने लगे.

मंगलवार को वह आधिकारिक तौर जदयू में शामिल हो गए. उन्हें जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने पार्टी में शामिल करवाया. वर्मा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जदयू के प्रचार अभियान में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने जदयू के कोटे में आई सभी 16 सीटों की जिम्मेदारी उठाई. इसका नतीजा यह हुआ कि जदयू को 12 सीटों पर जीत मिली और वह मौजूदा एनडीए की एक बड़ी ताकत बनकर उभरी.

वर्मा के पक्ष में तीन फैक्टर्स
मनीष वर्मा के नीतीश कुमार के संभावित उत्तराधिकारी होने के पीछे तीन तर्क दिए जा रहे हैं.

  • पहला- नीतीश लंबे समय से परिवारवाद की राजनीति के विरोधी रहे हैं. ऐसे में वह अपने परिवार में से किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाना चाहते.
  • दूसरा- नीतीश का कोर वोट बैंक उनका अपना कुर्मी समुदाय है. वह दक्षिण बिहार के नालंदा के आसपास के इलाकों में सबसे ताकतवर हैं. मनीष वर्मा भी इसी जाति वर्ग से आते हैं.
  • तीसरा- नालंदा कनेक्शन, नालंदा नीतीश कुमार का क्षेत्र है. मनीष वर्मा का भी नालंदा कनेक्शन है. हालांकि उनका परिवार मूल रूप से पड़ोसी जिले गया के निमचकबथानी से है. लेकिन उनका परिवार बिहारशरीफ में रहता है. मनीष वर्मा के पिता डॉ. अशोक वर्मा बिहारशरीफ के एक नामी डॉक्टर हैं.

लंबे समय से चर्चा
नीतीश कुमार के संभावित सक्सेसर के तौर पर मनीष वर्मा के नाम की चर्चा लंबे समय है. उन्होंने 2018 में वीआरएस ले लिया था. लेकिन, इससे पहले ही वह 2012 में अपना कैडर बदलवाकर बिहार आ गए थे. वह नीतीश सरकार के वक्त ही पटना और पूर्णिया के जिलाधिकारी रहे. वीआरएस के लेने के बाद वह नीतीश कुमार के सलाहकार के रूप में काम करते रहे. उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा पास करने से पहले आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है.

Tags: JDU news, Nitish kumar

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>