नीतीशी कुमार का विकास और सुशासन का दावा खत्म: दीपंकर भट्टाचार्य ने आपराधिक घटनाओं पर मांगा जवाब, अंबानी के बेटे की शादी में जाने पर विपक्षी नेताओं को घेरा – Patna News
माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, मीना तिवारी, शशि यादव, गोपाल रविदास आदि।
माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी के पिता के हत्यारे को सम्राट चौधरी महागठबंंधन का परिवार बता रहे हैं, तो यह गलत है। सम्राट चौधरी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनको
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विकास और सुशासन का दावा खत्म
बिहार सरकार विकास और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर पूरी तरह से फेल है। सरकार समस्या का समाधान करना चाहती है तो पहले इसे कबूल करे। चुनाव के बाद से अपराध की घटनाएं तेजी से बिहार में बढ़ी हैं। खास तौर से दलित, गरीबों की हत्या की घटनाएं बढ़ गई है। नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि विकास और सुशासन का नीतीश कुमार का दावा खत्म हो गया है। निर्माण के नाम पर जबर्दस्त घोटाला हो रहा है। पटना जिले में ही हाल में 14 हमले महिलाओं, दलितों पर हुए हैं। आरा में आरके सिंह की हार को पचा नहीं पा रहे हैं। नीतीश सरकार की पूरी छवि टूट रही है। भ्रष्टाचार, लूट और अपराध बढ़ रहा है। माले इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।
गरीबों को 2 लाख रुपए दिलाने के लिए होगा आंदोलन
दीपंकर ने कहा कि बिहार सरकार ने गरीबों को दो लाख रुपए देने का वादा किया था। 94-95 लाख परिवारों को लिए सरकार ने घोषणा की थी, इसे हम जुमला नहीं बनने देंगे। माले बड़े आंदोलन की तैयारी में है। गरीब किसी भी धर्म, जाति के हों, उन्हें दो लाख रुपए मिलना चाहिए।
दो लाख रुपए देने के लिए आय प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है और एक लाख से कम का आय प्रमाण पत्र सीओ दे ही नहीं रहे हैं। इससे गरीब आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। सरकार उसे गरीब मानती है, जिनकी कमाई मासिक 6 हजार रुपए है यानी 72 हजार रुपए वाला सालाना कमाई वाला प्रमाण पत्र चाहिए। माले इसको लेकर धारावाहिक आंदोलन चलाएगी।
माले के प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य समेत पार्टी के नेता
विपक्षी नेताओं को नसीहत
उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि शादी को राष्ट्रीय आयोजन बना दिया गया था। भारत जैसे राज्य में जहां इतनी गरीबी और बेरोजगारी है। वहां अमीरी का ऐसा प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। इसमें नेताओं को नहीं जाना चाहिए था। जो नेता गए उनके प्रति हम अफसोस जताते हैं। जो नहीं गए उन्हें बधाई देते हैं।
जामनगर में एक एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट घोषित किया गया। मुंबई में सड़क रोक दी गई थी। विपक्ष के नेताओं को ऐसे आयोजन से दूर रहना चाहिए था। विपक्षी राजनीति का वसूल क्या होना चाहिए, हम इसकी बात कर रहे हैं। जनता की उम्मीद के अनुसार विपक्ष को होना चाहिए। बता दें कि शादी समारोह लालू यादव सपरिवार शामिल हुए थे।
फिलिस्तीन का झंडा लेकर निकलना गलत नहीं
दीपंकर ने कहा कि फिलिस्तीन का झंडा लेकर लोग घरों से निकल रहे हैं, तो उन पर आपराधिक मुकदमा किया जा रहा है। यह गलत है। फिलिस्तीन एक पीड़ित देश है। यह दुनिया का एक गुलाम देश बनकर रह गया है। अपनी ही भूमि से बेदखल करके उस पर नरसंहार थोपा जा रहा है।
ऐसी हमदर्दी में फीलिस्तीन का झंडा लेकर कोई निकल रहा है, तो उसे अपराधी बना देना गलत है। जिन लोगों पर मुकदमे हुए हैं उसे वापस लिया जाना चाहिए। यह सवाल मुहर्रम के साथ नहीं जुड़ा हुआ है। इस झंडे के कारण किसी को प्रताड़ित करना गलत है।