Published On: Sun, Jul 28th, 2024

नीति आयोग की बैठक बीच में ही छोड़कर चली गईं ममता बनर्जी, सत्तापक्ष का पलटवार


नई दिल्ली. नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक मैं विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ की तरफ से शामिल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह आरोप लगाया कि उन्हें नीति आयोग की बैठक में नहीं बोलने दिया गया. बीच बैठक से बाहर निकालने के बाद ममता बनर्जी ने सीधे मीडिया वालों से बातचीत में कहा कि उन्होंने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया क्योंकि उनसे पहले जो मुख्यमंत्री बोले उन्हें 12 से 20 मिनट का वक्त दिया गया, जबकि उनकी बारी आई तो 5 मिनट के बाद ही उनका माइक बंद कर दिया गया. ममता ने आरोप लगाया की चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री 10 से 12 मिनट बोले, लेकिन बस 5 मिनट बाद ही मुझे रोक दिया गया. यह अनुचित है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक तौर पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को अधिक वक्त दिया गया, जबकि वह विपक्ष की तरफ से इकलौती मुख्यमंत्री थीं जो बैठक में शामिल होने आई थीं. ममता बनर्जी ने नीति आयोग को या तो खत्म करने की मांग की या फिर वित्तीय शक्तियां देने की मांग की. ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि अगर नीति आयोग को वित्तीय शक्तियां नहीं दी जाती तो योजना आयोग को दोबारा से स्थापित किया जाए.

नीति आयोग में सरकार पर ममता बनर्जी के आरोपी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीधे तौर पर खारिज किया है. निर्मला सीतारमन ने कहा, “नीति आयोग की बैठक में सीएम ममता बनर्जी शामिल हुईं. हम सबने उन्हें सुना. सभी सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे हर टेबल के सामने मौजूद स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था. उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. यह पूरी तरह झूठ है. सभी मुख्यमंत्री को बोलने के लिए अपना उचित समय दिया गया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था जो सच नहीं है…”

ममता बनर्जी के आरोप को बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी झूठ करार दिया है. अधीर रंजन ने कहा है कि ममता झूठ बोल रही हैं और बहुत झूठ बोलती हैं. वहां जाकर क्या करना है यह उनको पहले से पता था, पूरी नौटंकी की स्क्रिप्ट वह पहले लिख चुकी थीं. एनडीए के घटक दल जदयू ने भी ममता बनर्जी की राजनीति को सस्ती बताया है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने सवाल किया है कि आखिर ‘इंडिया’ गठबंधन ने जब नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार का फैसला किया तो वो शामिल क्यों हुईं.

गौर करने वाली बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 27 जुलाई को हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं थे, लेकिन उनके न शामिल होने की वजह राजनीतिक नहीं व्यक्तिगत है, जैसा कि जेडीयू नेता केसे त्यागी ने जानकारी दी.

Tags: BJP, Mamata banerjee, Nirmala sitharaman, Niti Aayog

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>