नारनौल में पूर्व सरपंच पर मामला दर्ज: कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने किया, फर्जी सर्टिफिकट लगा चुनाव जीतने का आरोप – Narnaul News

नारनौल का ज्यूडिशयल कांप्लेक्श
हरियाणा के नारनौल में कोर्ट के आदेश पर अटेली के गांव सलीमपुर की पूर्व सरपंच व उसके पति पर जाली आठवीं कक्षा की सर्टिफिकेट पर चुनाव लड़ने के मामले में अटेली थाना में पूर्व सरपंच व उसके पति पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सरपंच पर माम
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गांव सलीमपुर के सुरेन्द्र तथा ब्रह्मप्रकाश ने नारनौल की एक अदालत में गांव की पूर्व सरपंच राजेश देवी तथा उसके पति के खिलाफ जालसाजी करते हुए नकली आठवीं की सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव लड़ने की इस्तगासा गत 17 जुलाई 2024 को लगाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि राजेश देवी ने ग्राम पंचायत सलीमपुर के सरपंच पद के लिए आवेदन किया था और चूंकि सरपंच पद के लिए आठवीं कक्षा पास होना अनिवार्य था। राजेश देवी आठवीं कक्षा पास नहीं थी। इस अनिवार्यता को पूरा करने के लिए राजेश देवी ने अपने पति धर्मबीर व अन्य नामालूम व्यक्तियों से मिलकर आठवीं कक्षा की शैक्षणिक प्रमाण पत्र बनवाया। जिसमें जन्मतिथि 25-10-1975 व सीबीएसई156021 व जीएसपी आर-जीएसपी आर-0631 क्रमांक 016 रजिस्टर संख्या 317 फर्जी तरीके से प्राप्त कर ली। जिसके बाद ग्राम पंचायत सलीमपुर में सरपंच पद के लिए चुनाव लडी थी। वह चुनाव भी जीत गई थी।
डीसी ने हटा दिया था सरपंच पद से
उक्त आठवीं कक्षा की शैक्षणिक योग्यता की सर्टिफिकेट फर्जी होने बारे गांव के जसवंत, राजसिंह, रवि कुमार, वेदप्रकाश तथा जयप्रकाश ने डीसी को शिकायत की। डीसी ने एसडीएम नारनौल को जांच अधिकारी बनाया। एसडीएम ने अपनी जांच में राजेश देवी की आठवीं कक्षा की शैक्षणिक योग्यता की सर्टिफिकेट को फर्जी पाया। आठवीं की सर्टिफिकेट को फर्जी पाते हुए डीसी ने सरपंच को 16 जनवरी 2023 को सरपंच पद से हटा दिया।
नहीं हुआ कोई मामला दर्ज
शिकायत करने वालों का आरोप है कि राजेश देवी व उसके पति धर्मबीर ने यह जानते हुए कि शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा का सर्टिफिकेट एक फर्जी दस्तावेज है और उसको असल इस्तेमाल करते हुए ग्राम पंचायत सलीमपुर से सरपंच पद का चुनाव लड़ा और आपस में साज-बाज होकर चीटिंग व धोखाधड़ी करते हुए सरकार को चुनाव करवाने का लाखों रुपए का खर्चा करवाया है और उक्त राजेश देवी के सरपंच पद से हटाने के बाद सरकार को ग्राम पंचायत सलीमपुर के दोबारा से चुनाव करवाने पड़े। जिसके खिलाफ उन्होंने एसपी को शिकायत देकर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की, मगर बार-बार थाने के चक्कर काटने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जिसके बाद उनको कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। अब कोर्ट ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।