Published On: Sun, Jul 21st, 2024

नाम बदलकर ढाबा चलाने वाले मारीच हैं, जो हिंदुओं की..; कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर देवकीनंदन ठाकुर


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उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है और इस पर पूरे देश में बहस हो रही है। इस मामले पर अब जाने-माने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का भी बयान आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वह यूपी सरकार के फैसले का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। देवकीनंदन कहते हैं, ‘हमारे उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा विवाद चल रहा है। यह विवाद का विषय तो नहीं है, मगर कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। जहां से होकर कांवड़िए जाते हैं वहां कई जगहों पर मुस्लिम भाइयों ने भी ढाबा खोला हुआ है। इससे हमें कोई परेशानी नहीं है।’

कथा सुनाते हुए देवकीनंदन ने आगे कहा, ‘बड़ी बात यह है कि हमारे देवी-देवताओं के नाम पर ये ढाबे चलाए जा रहे हैं। इन पर लिखा तो शुद्ध वैष्णव ढाबा होता है, मगर अंदर जाने पर सच्चाई कुछ और ही मालूम होती है।’ उन्होंने कहा कि श्रावण में कांवड़ लाना हिंदू धर्म में आध्यात्मिक यात्रा है। ठीक वैसे ही जैसे तुम्हारी हज यात्रा होती है और तुम लोग मक्का-मदीना जाते हो। कथावाचक ने कहा, ‘हज यात्रा के दौरान तुम लोग भी बहुत से नियमों का पालन करते हो जिनसे हमें कोई ऐतराज नहीं है। जैसे मक्का जाने को लेकर रूल और रेगुलेशन हैं, वैसे ही गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए नियम बने हुए हैं। इनका हमें पालन करना होता है। इसमें हमें शुद्ध भोजन ग्रहण करना जरूरी बताया गया है।’

‘हम तुम्हारा ढाबा बंद नहीं करा रहे, मगर…’

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हम तुम्हारा ढाबा बंद नहीं करा रहे हैं। मगर, नाम तो सही से लिखना चाहिए। ऐसे में जिसका मन करेगा वह खाएगा, जिसका मन नहीं करेगा वह नहीं खाएगा। उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की सरकार ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है और इसके लिए वो साधुवाद की पात्र है। यह होना ही चाहिए। संविधान हमें अपने धर्म का पालन करने की इजाजत देता है। संविधान में यह नहीं लिखा है कि कोई हमारे धर्म में गड़बड़ी करे।’ देवकीनंदन ने कहा कि जैसे मारीच से माया का मृग बनकर सीता को मोहने का काम किया, वैसे ही नाम बदलकर ढाबा चलाने वाले मारीच हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि हिंदुओं की कांवड़ यात्रा सही से पूरी न हो। इसका पर सख्त विरोध करते हैं।  

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