Published On: Wed, Aug 14th, 2024

नहीं बनी बात, आज भी हड़ताल पर रहेंगे दिल्ली एम्स और फेमा डॉक्टर्स; केवल इन मरीजों को मिलेगा इलाज


कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में दिल्ली के सभी डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर साफ दिख रहा है। मरीजों को बिना इलाज घर वापस जाना पड़ रहा है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से आश्वासन मिलने के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन फोरडा ने मंगलवार देर रात हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया। वहीं एम्स के डॉक्टरों ने हड़ताल वापस नहीं ली। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) ने भी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।

एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन एसोसिएशन (आरडीए) ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। हालांकि इमरजेंसी मरीजों का इलाज किया जाएगा। आरडीए ने कहा, ‘एम्स समुदाय ने केंद्रीय संरक्षण अधिनियम के कार्यान्वयन की अपनी मांग दोहराई और आरजी कर एमसीएंडएच के डॉक्टर के लिए अपना समर्थन जारी रखने का फैसला लिया। सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि विदेशी नागरिक और स्पॉनसर्ड कैंडिडेट, फेलो और स्नातक सहित एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे, जिसमें शैक्षणिक गतिविधियों, वैकल्पिक ओपीडी, वार्ड और ओटी सेवाओं का निलंबन शामिल है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, आईसीयू, इमरजेंसी प्रोसिजर और आपातकालीन ओटी चालू रहेंगी।’

एम्स के अलावा फेमा (FAIMA) डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन ने भी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। उन्होंने एक्स पर एक बयान जारी किया है जिसके अनुसार फेमा के डॉक्टर बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे। हालांति इमरजेंसी काम जारी रहेंगे। कृष्णन ने कहा, ‘हमें खबर मिली है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन में से एक बॉडी ने हड़ताल वापस ले ली है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) डॉक्टर्स एसोसिएशन कल हड़ताल पर है। हम कल हड़ताल जारी रखेंगे क्योंकि केवल एक मांग पूरी हुई है, केस को सीबीआई को सौंपना। ऐसा हाईकोर्ट ने किया है। हमें राज्य या केंद्र सरकार से बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिला है। हम स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम चाहते हैं और हम इस पर कुछ ठोस चाहते हैं। मैं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे लिए कुछ कदम उठाएं ताकि भविष्य में कभी भी ड्यूटी पर मौजूद किसी डॉक्टर के साथ ऐसा न हो… यह पीक टाइम है। हमने पूरे भारत में 60 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज RDA के साथ बैठक की। हमने तय किया है कि हम हड़ताल जारी रखेंगे। हम ओपीडी और इलेक्टिव ओटी में काम नहीं करेंगे। हालांकि, आपातकालीन काम जारी रहेगा। जब तक हमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार से केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लेकर कोई उचित ठोस कदम उठाए जाने के बारे में जानकारी नहीं मिल जाती, हम इस हड़ताल को खत्म नहीं करेंगे।’

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