Published On: Tue, Aug 13th, 2024

ननद की जिंदगी तबाह करने की दोषी एड्स पीड़िता को दिल्ली की अदालत ने नहीं दी बेल, जानिए वजह


दिल्ली की अदालत ने एड्स से पीडित एक महिला की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता को पहुंचाई गईं चोटों के आधार पर यह निर्णय लिया है। हालांकि याचिकाकर्ता ने अपनी बीमारी का हवाला दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद महिला को कोर्ट ने बेल नहीं दी। आखिर महिला ने ऐसा क्या अपराध किया था कि कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी। साथ ही अदालत ने जमानत खारिज करते समय क्या तर्क दिया। पढ़िए इस खबर में।

याचिका दायर करने वाली महिला का नाम रूबी है। वह फिलहाल 2018 में अपने भाई के साथ किए गए अपराध की सजा भुगत रही है। महिला के ऊपर अपने भाई की पत्नी की हत्या करने की कोशिश करने का जुर्म है। रूबी सहित तीन महिलाओं ने पीड़िता नीलम की चुन्नी से गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की थी। इसी समय उसके भाई ने अपनी पत्नी के ऊपर तेजाब फेंक दिया था। इसमें नीलम की एक आंख हमेशा के लिए खराब हो गई थी। उस घटना के बाद से नीलम को बोलने में भी परेशानी होने लगी थी।

अदालत ने रूबी की दलीलों को भी गौर किया है कि शिकायतकर्ता ने आरोपियों को झूठे इल्जाम में फसाने के लिए खुद पर तेजाब डाला था। रूबी के एड्स जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने का तर्क भी अदालत में दिया गया। लेकिन अदालत ने कहा कि ऐसा कोई तर्क नहीं है कि जेल में उसे सही ढ़ंग से दवाएं या इलाज ना मिल रहा हो। हालांकि महिला एड्स से पीड़ित भी है मगर उसका इलाज और दवाई जेल के अंदर भी हो रही है।

अदालत ने कहा कि आरोपी के पिछले व्यवहार और पीडिता को लगी चोटों के आधार पर मैं आरोपी को जमानत पर रिहा करने का समर्थन नहीं करता हूं। इसलिए रूबी की जमानत याचिका की अर्जी को खारिज किया जाता है।

नीलम ने आरोप लगाया था कि उसे दहेज के लिए परेशान किया जाता था। साथ ही साल 2018 में तीन महिलाओं ने उसका चुन्नी से गला दबाने की कोशिश की थी। तीनों महिलाएं उसके रिश्तेदार थीं, इसमें रूबी भी शामिल थी। इसके बाद उसके पति ने उसके ऊपर तेजाब जैसा कोई पदार्थ डाला था। उसी समय रिश्तेदारों में शामिल दो आदमियों ने उसे दबा दिया।

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