Published On: Thu, Jul 11th, 2024

दिल्ली हाईकोर्ट बोला-गुमशुदगी में पहले 24 घंटे की कार्रवाई महत्वपूर्ण: पुलिस लोगों के घर लौटने का इंतजार न करे, शिकायत दर्ज होते ही एक्शन लें


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नई दिल्ली43 मिनट पहले

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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि लापता व्यक्ति या बच्चों का पता लगाने के लिए पहले 24 घंटे का वक्त काफी महत्वपूर्ण है।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस को इस बात के इंतजार में नहीं बैठना चाहिए कि लापता व्यक्ति 24 घंटे के भीतर घर वापस लौट आएगा। इस दौरान यदि पुलिस सही ढंग से काम करती है तो पॉजिटिव रिजल्ट मिलने की संभावना बढ़ सकती है।

दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का हवाला देते हुए निर्देश दिया कि सभी पुलिस स्टेशन यह सुनिश्चित करेंगे कि लापता बच्चों या व्यक्ति के मामले में जांच शुरू करने के लिए 24 घंटे का इंतजार न किया जाए।

लापता मामलों मे 24 घंटे में जांच सुनिश्चित करें कमिश्नर- HC
इससे पहले 9 जुलाई को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश देते हुए कहा था कि वे सभी पुलिस स्टेशन में सुनिश्चित करें कि लापता मामलों में 24 घंटे का इंतजार पूरी तरह से अनावश्यक है। जब भी ऐसे मामलों की शिकायत दर्ज की जाती है तो तुरंत छानबीन शुरू की जानी चाहिए।

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के वकील की दलील सुनने के बाद केस को क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में ट्रांसफर कर दिया है। ACP रैंक के अधिकारी के सुपरविजन में मामले की जांच होगी।

फरवरी 2024 से लापता है नाबालिग लड़की
कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।

मामला फरवरी 2024 का है। इसमें नांगलोई थाने की पुलिस को एक नाबालिग लड़की के लापता होने की सूचना दी गई थी। पुलिस ने परिजन से 24 घंटे इंतजार करने की बात कही थी। इसके बाद मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसी मामले में नाबालिग के पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट में हेबियस कॉर्पस रिट दायर की थी।

अब सवाल उठता है कि क्या लापता व्यक्ति के मामले में भी हेबियस कार्पस रिट दायर की जा सकती है ? सितंबर 2023 में उड़ीसा हाईकोर्ट ने इसी तरह के मामले में हेबियस कॉर्पस रिट जारी करने की याचिका खारिज कर दी थी।

कोर्ट ने 2007 के यूनियन ऑफ इंडिया बनाम युमनाम आनंद एम मामले का हवाला देते हुए कहा था कि गुमशुदगी के मामले में हेबियस कॉर्पस रिट जारी करने के लिए इस बात के सबूत पेश करना जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति को अवैध तरीके से बंदी बनाकर रखा गया है।

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