दिल्ली में रात का AQI 700 पार हुआ: दिल्ली-NCR के सभी स्कूल ऑनलाइन, डीयू-JNU में भी 4 दिन वर्चुअल मोड पर स्टडी
नई दिल्ली40 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सोमवार रात प्रदूषण और स्मॉग से निजात पाने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया।
दिल्ली में हवा की क्वालिटी खतरनाक होती जा रही है। AQI.in के मुताबिक सोमवार शाम से लेकर मंगलवार सुबह तक AQI 700 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस लगाने का निर्देश जारी किया है।
दिल्ली के बाद गुरुग्राम और NCR प्रशासन ने भी अगले आदेश तक स्कूलों में ऑनलाइन स्टडी करवाने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों के अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी और JNU ने भी 22 नवंबर तक ऑनलाइन क्लासेस लगाने का फैसला किया है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर से दिल्ली-NCR में बदला हुआ ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा फेज लागू कर दिया है।
साथ ही बच्चों, बुजुर्गों, सांस और दिल के मरीजों, पुरानी बीमारियों से पीड़ितों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
तस्वीरें 18 नवंबर को दिल्ली में अलग-अलग इलाकों की हैं, जहां धुंध के चलते विजिबिलिटी बेहद कम नजर आई।
सुप्रीम कोर्ट ने स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया
सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टाफ के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया है। सोमवार को दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया कि प्रदूषण की गंभीरता देखते हुए स्कूल बंद किए जाएं। AQI का लेवल कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंध लागू किए जाएं।
साथ ही हिदायत दी- कोर्ट की इजाजत के बगैर GRAP स्टेज 4 के प्रतिबंध नहीं हटेंगे। भले ही AQI 300 से नीचे क्यों ना आ जाए।
2,200 से ज्यादा पुरानी गाड़ियां जब्त
दिल्ली परिवहन विभाग ने 1 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच 2,234 ज्यादा गाड़ियां जब्त कीं, जो बेहद पुरानी थीं।राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए यह कदम उठाया गया। इनमें 10 साल से ज्यादा पुराने 260 डीजल चार पहिया, 1,156 पेट्रोल दोपहिया वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराने 818 पेट्रोल तीन और चार पहिया वाहन शामिल हैं। यह कार्रवाई दिसंबर तक चलेगी। जब्त वाहनों की स्क्रैपिंग या बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
हवा में प्रदूषण के स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। हर स्तर के लिए लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
- GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
- GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
- GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
- GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों
AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है।
हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।