दिल्ली के CM केजरीवाल को मिलती है कौन सी सुरक्षा, क्या ये जेल में भी मिल रही है

केजरीवाल तिहाड़ जेल नंबर दो में तीन लेयर में होती है इस जेल की व्यवस्थासेल के बाहर भी होती है खास सुरक्षा
दिल्ली की निचली अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी. इस फैसले को चुनौती देते हुए ईडी हाईकोर्ट पहुंची. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले को सुरक्षित रख लिया है. ये फैसला आज सुनाया जाएगा. अब सवाल ये है कि अरविंद केजरीवाल जब जेल में होते हैं तो उन्हें वहां कौन सी सुरक्षा मिलती है. जब वो जेल से बाहर होंगे तो कौन सी सुरक्षा में घिरे होंगे.
केजरीवाल इन दिनों तिहाड़ नंबर दो जेल में हैं. जब उन्हें इस जेल में भेजा गया तो खासतौर पर उनके लिए वहां सुरक्षा के खासे इंतजाम भी किये गए. जब भी कोई खास सुरक्षा हासिल शख्स जेल में जाता है तो वहां उसकी सुरक्षा भी विशेष होती है. तिहाड़ के बारे में कहा जाता है कि ये जेल दुनिया की सबसे सुरक्षित जेल है. हालांकि इस सुरक्षित जेल में गैंगवार भी हो चुके हैं, हत्याएं भी हो चुकी हैं.
अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल नंबर दो में रखा गया है, जो तिहाड़ गांव में है. कहा जाता है कि इस जेल की सुरक्षा तीन लेयर में होती है. बाहर चेक प्वाइंट पर सीआईएसएफ के जवान होते हैं. अंदर अलग अलग राज्यों की स्पेशल पुलिस होती है. सीसीटीवी से भी इसमें हर ओर निगरानी होती है. इसका दूसरा पक्ष ये भी है कि इसकी क्षमता अगर 5000 कैदियों की है तो यहां की सारी जेलों में 14000 कैदी हैं. तिहाड़ जेल से जुड़ी जेलें अब रोहिणी और मंडोली में भी है.
केजरीवाल की जेल के बाहर कैसी सुरक्षा
तो अब जानते हैं कि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल जब जेल के अंदर हैं तो उन्हें वहां कौन सी सुरक्षा मिल रही है. चलिए इससे पहले ये बता देते हैं कि उन्हें बाहर कौन सी सुरक्षा मिलती है. वैसे उन्हें चीफ मिनिस्टर होने के कारण बहुत खास सेक्युरिटी मिली हुई है, जो देश में बहुत कम लोगों को नसीब होती है.
बाहर कौन सी सुरक्षा उन्हें मिलती है
केजरीवाल को देश की दूसरी बड़ी जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. इससे बड़ी सुरक्षा एसपीजी कवर ही होती है, जो देश के प्रधानमंत्री को मिलती है. Z प्लस सिक्योरिटी सबसे हाई लेवल की सिक्योरिटी मानी जाती है.
दरअसल सरकार नेताओं से लेकर सेलिब्रिटी और खास लोगों को उनकी सुरक्षा के लिहाज कई तरह के सुरक्षा कवर उपलब्ध कराती है. ताकि उनकी सुरक्षा महफूज रहे. अगर किसी को सार्वजनिक रूप से धमकी दी जाती है तो फिर उन्हें सुरक्षा मुहैया करायी जाती है.
सरकार की सिक्योरिटी चार प्रकार की होती है. X,Y,Z और Z+. तो अब जानते हैं कि किन लोगों को मिलती जेड प्लस सेक्युरिटी और इसमें क्या होता है.
जेड प्लस सुरक्षा देश के चुनिंदा लोगों को ही दी जाती है. अगर किसी की जान को काफी खतरा हो तो भी उसे ये सुरक्षा मिलती है.
फिलहाल ये सुरक्षा गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सोनिया गांधी, फारूक अब्दुल्ला, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उद्योगपति मुकेश अंबानी को मिली हुई है. मुकेश अंबानी इस सुरक्षा दल का खर्चा खुद उठाते हैं. देश में कुल 40 वीआईपी को ये सुरक्षा मिली हुई है.
क्या होती है Z प्लस सिक्योरिटी?
इस सिक्योरिटी दल में लगभग 55 सुरक्षाकर्मी होते हैं. जिसमें सीआरपीएफ के टॉप कमांडो भी शामिल होते हैं. साथ में दिल्ली पुलिस और आईटीबीपी के जवान भी होते हैं. ये सभी जवान मार्शल आर्ट और कॉम्बैट स्किल में माहिर होते हैं. इनके पास MP5 हथियार और आधुनिक बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ आधुनिक गैजेट भी मौजूद होते हैं. ये पांच बुलेटप्रुफ कारों में संबंधित वीआईपी के साथ उनके बेडे में चलते हैं.
एक बात और हर तरह की सेक्युरिटी कवच में कुछ जवान ऐसे जरूर रखे जाते हैं, जिनका ब्लड ग्रुप सुरक्षा मिलने वाले शख्स से मेल खाता हो, ताकि आपात काल में तुरंत काम आ सके.
जेल में कैसी सुरक्षा
अब आपको बताते हैं कि जेड प्लस सेक्युरिटी वाले को जेल के अंदर कौन सी सुरक्षा दी जाती है. अरविंद केजरीवाल जब जेल में गए तो उन्हें वहां कौन सी सुरक्षा दी गई.
ऐसे व्यक्ति को तिहाड़ में हमेशा ऐसी अकेली सेल दी जाती है, जो सुरक्षित हो. वहीं सेल के बाहर और आसपास कम के कम 4-5 गार्ड तैनात किए जाते हैं, जो हर चीज पर 24 घंटे नजर रखते हैं. इनकी ड्यूटी बदलती रहती है. साथ ही इन्हें हफ्ते दस दिन बाद बदल दिया जाता है. लिहाजा अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर यही सुरक्षा मिल रही है. उनकी जेड प्लस सुरक्षा जेल के अंदर नहीं जा सकती है ना ही वहां रखी जा सकती है. वहां जेल के ही कानून और व्यवस्था के अनुसार उनकी सुरक्षा होगी.
अगर उन्हें जमानत मिल गई तो जेल से बाहर निकलते ही जेड प्लस सुरक्षा फिर चौकस होकर उनके साथ तैनात हो जाएगी. इस तरह की सुरक्षा की मंजूरी गृह मंत्रालय से मिलती है. इस सुरक्षा कवच में तैनात किए जाने वाली टीम नेशनल सेक्युरिटी गार्ड के तहत होती है.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 07:27 IST