दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचेगी कांग्रेस, 100 दिन के अभियान का आगाज

कांग्रेस ने दिल्ली में 100 दिवसीय “संविधान रक्षा अभियान” शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य भारत के संविधान की रक्षा करना और पूरे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। साथ ही इस अभियान का मकसद एससी/एसटी समुदाय का समर्थन जुटाना भी है। अभियान का उद्घाटन एआईसीसी के कोषाध्यक्ष और सांसद अजय माकन और एआईसीसी के अनुसूचित जनजाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने किया। दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों को लक्षित करते हुए 27 नवंबर तक यह अभियान चलेगा।
अजय माकन ने घोषणा की कि अभियान ने अब तक देश भर में 300000 “संविधान रक्षक” जुटाए हैं। अब यह अभियान विशेष रूप से दिल्ली में शुरू किया गया है। अगले 100 दिनों में दिल्ली के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर इन रक्षकों को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं भी एक संविधान रक्षक हूं, जिसके लिए मैं आभारी हूं।”
अभियान के लॉन्चिंग के दौरान माकन ने शांति और स्थिरता बनाए रखने में भारत के संविधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इसकी तुलना उन पड़ोसी देशों से की, जहां लोकतांत्रिक मूल्य कम हो गए हैं। कहा कि हमारा संविधान हमारे देश को हमारे पड़ोसियों से अलग बनाता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जहां पड़ोसी देशों में अराजकता है, वहीं भारत में मजबूत संवैधानिक ढांचे के कारण शांति बनी हुई है।
माकन ने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों की प्रगति में बाधा डालने के लिए संविधान को कमजोर करने पर आमादा हैं। ऐसी ताकतें नहीं चाहतीं कि देश के पिछड़े और वंचित वर्ग प्रगति करें, इसलिए वे हमारे संविधान पर हमला करती हैं।
उन्होंने भाजपा पर दो चुनाव जीतने के बाद और 2024 के आम चुनाव शुरू होने से पहले संवैधानिक बदलाव की वकालत करने का आरोप लगाया। माकन ने दावा किया कि भाजपा के दो उद्देश्य हैं- “लोकतंत्र की नींव पर हमला करना और समाज के वंचित वर्गों को संविधान द्वारा दी गई शक्ति और समानता को छीनना।”
माकन ने कहा, “भारत का संविधान एक मंत्र है, जिसकी रक्षा हमें अपने जीवन से बढ़कर करनी चाहिए।” उन्होंने राहुल गांधी के चुनावी अभियानों का हवाला देते हुए लोकतंत्र की रक्षा और इसके द्वारा संरक्षित होने में संविधान की दोहरी भूमिका पर जोर दिया। कहा कि राहुल गांधी संविधान के साथ चुनाव में गए थे। इसके दो अर्थ थे, एक संविधान की रक्षा करना और दूसरा संविधान हमारे लोकतंत्र की रक्षा कर रहा है।