Published On: Sat, Dec 21st, 2024

…तो हमें मजबूरन बिल पास कराने होंगे, रिजिजू ने इशारों में विपक्ष को चेताया



नई दिल्ली. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उम्मीद जताई है कि अगले साल का बजट सत्र हाल ही में हुए शीतकालीन सत्र जितना हंगामेदार नहीं होगा. रिजिजू ने संसद के मकर द्वार पर इस सप्ताह शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन हुई घटनाओं के लिए राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस के अच्छे इरादों वाले सांसदों को भी लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा “नकारात्मक रुख अपनाने” के लिए मजबूर किया जा रहा है.

रिजिजू ने शनिवार को सीएनएन-न्यूज18 के साथ एक विशेष बातचीत में कहा, “मैं पूरी ईमानदारी से कहता हूं. विपक्षी दल भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं, लेकिन कांग्रेस के एक नेता शायद उन्हें इस तरह से काम करने के लिए मजबूर करते हैं. अन्यथा, आप शारीरिक लड़ाई के लिए संसद में नहीं आते. आप वहां अपने शब्दों की ताकत दिखाने के लिए आते हैं, न कि शारीरिक ताकत.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच बेहतर कामकाजी संबंधों की कोई संभावना है, तो रिजिजू ने पॉजिटिव उम्मीद जताई. रिजिजू ने कहा, “इस बार विपक्षी दलों को उनके नेताओं ने गुमराह किया था. अच्छी समझदारी कायम होगी. मुझे बहुत उम्मीद है कि अगली बार वे बजट सत्र में इस तरह की स्थिति नहीं पैदा करेंगे.”

संसदीय मामलों के मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि यदि हालात की मांग हुई तो सरकार विपक्ष के बिना भी विधायी कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. रिजिजू ने कहा, “हमारे पास संख्या है, और हमें सरकार चलानी है… हमें संविधान में दिए गए कर्तव्यों को पूरा करना है ताकि देश की सेवा कर सकें. कुछ चीजें हैं जो हमें करनी ही होंगी. अगर विपक्षी पार्टियां सदन में बाधा डालती हैं, तो भी हमें काम करना ही होगा.”

उन्होंने आगे कहा, “शीतकालीन सत्र में हमारे पास ऐसे बिल या बजट नहीं थे जिन्हें संसद द्वारा अनिवार्य रूप से पारित किया जाना था. इसलिए हमने शोर-शराबे में बिल पास कराने की कोशिश नहीं की. लेकिन अगर विपक्ष इसी तरह जारी रहा, तो हमें मजबूरन शोर-शराबे में ही बिल पास कराने होंगे. हम यह नहीं दिखाना चाहते कि हम विपक्ष का अनादर करते हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. लेकिन उन्हें सहयोग करना होगा.”

रिजिजू ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लेकर भरोसा जताया. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी के पास इस बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है. रिजिजू ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सभी विपक्षी पार्टियां इस बिल का समर्थन करेंगी. उन्होंने कहा, “देश में अभी का माहौल फिजूलखर्ची को रोकने का है. आजादी के पहले 17 सालों में, एक देश और एक चुनाव होता था. क्या राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का मतलब है कि 1967 तक की सभी सरकारें, जिनमें जवाहरलाल नेहरू की सरकार भी शामिल है, असंवैधानिक थीं? क्योंकि उस समय विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते थे. मुझे यकीन है कि अंततः उन्हें जनता के दबाव और इच्छाओं के आगे झुकना ही पड़ेगा.”

Tags: Kiren rijiju, Parliament session, Rahul gandhi, Special Project

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