तीन साल की देरी से अगले माह शुरू हो सकती है जनगणना
18 महीने में सर्वे का का काम पूरा किया जाएगा 03 साल की देरी से जनगणना का काम शुरू होगा
– प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से अंतिम मंजूरी का इंतजार
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार अगले महीने यानी सितंबर में तीन साल की देरी से जनगणना का काम शुरू करा सकती है। मामले से जुड़े सरकारी सूत्रों का कहना है कि आंकड़े जुटाने में लगभग 18 महीने लगेंगे। देश में दस वर्ष में एक बार होने वाली जनगणना 2021 में पूरी होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार को जनगणना में देरी को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अर्थशास्त्रियों के साथ ही विपक्ष भी सरकार पर इसे लेकर हमला बोलता रहा है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसमें देरी की वजह से अन्य सांख्यिकीय सर्वेक्षण (इकोनॉमिक डेटा, महंगाई और जॉब एस्टिमेट आदि शामिल) की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। मौजूदा समय में जो भी अधिकतर आंकड़े हमें देखने को मिलते हैं, वे पिछली जनगणना 2011 के आधार पर ही हैं।
जातीय जनगणना की मांग के बीच विपक्ष नवीनतम आंकड़े के लिए जल्द जनगणना कराने की मांग कई बार कर चुका है। आलोचनाओं के बीच अब एनडीए सरकार ने जनगणना कराने की तैयारी की है। इस मामले से जुड़े दो सरकारी अधिकारियों ने कहा कि जनगणना करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले गृह मंत्रालय और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक समय-सीमा तैयार की है। मार्च 2026 तक परिणाम जारी करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 15 साल की अवधि शामिल है। दोनों अधिकारियों में से एक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय से प्रक्रिया शुरू करने के लिए अंतिम मंजूरी का इंतजार है। वैसे, समाचार एजेंसी रॉयटर्स का दावा है कि केंद्र सरकार के दोनों मंत्रालयों ने इस खबर की पुष्टि के लिए भेजे गए ई-मेल का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है। जनगणना नहीं होने की वजह से भारत में फिलहाल जन हितैषी योजनाएं पिछली जनगणना 2011 के आंकड़ों के आधार पर ही चल रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र बता चुका है भारत को सबसे आबादी वाला देश
पिछले साल जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत पिछले साल दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनकर चीन से आगे निकल गया।