तिरहुत स्नातक सीट पर उपचुनाव के लिए आज से नामांकन: NDA से अभिषेक झा और आरजेडी के गोपी किशन मैदान में; 5 दिसंबर को डाले जाएंगे वोट – Patna News

बिहार विधान परिषद तिरहुत स्नातक सीट पर उपचुनाव के लिए गजट प्रकाशन के साथ आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। 18 नवंबर तक प्रत्याशी नॉमिनेशन दाखिल कर सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 19 नवंबर को होगी। 5 दिसंबर को सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे वोट डाले
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एनडीए कोटे से JDU प्रवक्ता अभिषेक झा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने अभिषेक झा को सिंबल दिया है। जबकि महागठबंधन से आरजेडी के गोपी किशन को चुनावी मैदान में उतारा गया है। पिछली बार इस सीट से देवेश चंद्र ठाकुर जीते थे। सीतामढ़ी से उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। जीते हुए सदस्य का कार्यकाल 2 साल से भी कम होगा। जानिए स्नातक क्षेत्र के MLC का चुनाव कैसे होता है और कौन-कौन वोटर होते हैं।

एनडीए ने जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा को उम्मीदवार बनाया है।
बिहार में एमएलसी की कुल 75 सीटें है। 5 तरीकों से इन्हें चुना जाता है।
1. राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य- राज्यपाल 12 अति विशिष्ट लोगों को बिहार विधान परिषद के लिए मनोनीत करते हैं। गवर्नर कला, विज्ञान आदि के क्षेत्र से लोगों को मनोनीत करते हैं।
2. विधायक द्वारा मनोनीत सदस्य- जिस तरह से बिहार की जनता 243 विधायकों को चुनते हैं, ठीक उसी तरह विधायक विधान परिषद सदस्यों को वोट करते हैं।
3. लोकल बॉडी से निर्वाचित सदस्य- इसमें पंचायत सदस्य यानि मुखिया, जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य और वार्ड पार्षद वोटर होते हैं।
4. शिक्षक निर्वाचन सीट- शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से कुल 6 सदस्य चुने जाते हैं। इसमें हाई स्कूल के टीचर, मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक, मेडिकल, इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर कॉलेज के प्रोफेसर वोटर होते हैं। नए नियम में आईटीआई टीचर को वोटिंग का अधिकार दिया गया है।
5. स्नातक निर्वाचन सीट- स्नातक निर्वाचन सीट के कुल 6 सीट हैं। स्नातक डिग्रीधारी, एडवोकेट, प्रोफेसर, टीचर और नौकरशाह को वोटिंग का अधिकार होता है। बेरोजगार स्नातक पास छात्र भी वोटिंग में हिस्सा लेते हैं। वोटर बनने के लिए जरुरी है कि चुनाव के तीन साल पहले स्नातक की डिग्री हासिल की हो।
फॉर्म 18 और 19 भरना अनिवार्य
विधान परिषद के सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी अजीत रंजन के मुताबिक वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए वोटर को फॉर्म 18 और 19 भरना होता है। इसके लिए जिलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी फॉर्म जारी करते हैं। राजनीतिक दलों की ओर से भी फॉर्म भरवाया जाता है। निर्दलीय प्रत्याशी भी फॉर्मेट 18 और 19 लोगो से भरवाते हैं।
एक साल कम कार्यकाल बचने पर चुनाव नहीं
विधान परिषद का कार्यकाल छह साल का होता है। उपचुनाव की नौबत तब आती है, जब चुने हुए सदस्य की आकस्मिक मृत्यु या इस्तीफा दे दें। अगर एक साल से कम का कार्यकाल बचा हो तो, चुनाव नहीं कराए जाते हैं।
देवेश चंद्र ठाकुर के इस्तीफे के बाद से सीट खाली
तिरहुत स्नातक सीट देवेश चंद्र ठाकुर के रिजाइन करने से खाली हुआ है। देवेश चंद्र ठाकुर ने 14 जून 2024 को इस्तीफा दिया था। उपचुनाव में जीतने वाले उम्मीदवार 16 नवंबर 2026 तक पद पर बने रहेंगे।
30 अक्टूबर तक सभी दावा-आपत्ति का निपटारा
वोटर लिस्ट का पब्लिकेशन 6 नवंबर को हुआ था। इसकी शुरुआत 29 जुलाई से हुई थी। 13 अगस्त को पहली बार, जबकि 23 को दोबारा इससे संबंधित नोटिस प्रकाशित किया गया था। फॉर्म 18 और 19 पर 3 सितंबर तक आवेदन लिए गए थे। वोटर लिस्ट पर 24 सितंबर से 15 अक्टूबर तक दावा एवं आपत्ति ली गई थी। 30 अक्टूबर तक सभी दावा आपत्ति का निपटारा कर दिया गया था।