तमिलनाडु CM बोले- तूफान फेंगल से 12 मौतें हुईं: PM को लिखा- 2 करोड़ लोग प्रभावित, तत्काल ₹2 हजार करोड़ का फंड रिलीज करें

चेन्नई2 मिनट पहले
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तमिलनाडु में 1 दिसंबर को तूफान के लैंडफॉल के बाद 2 दिसंबर को भी तेज बारिश हुई। NDRF की टीम लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया।
बंगाल की खाड़ी से उठे फेंगल तूफान के असर के चलते तमिलनाडु में 12 मौतें हुईं। यह बात मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को लिखे लेटर में बताई। उन्होंने लिखा- हमारी पूरी कोशिश के बावजूद सब कुछ तहस-नहस हो गया।
CM ने कहा-

69 लाख परिवारों के 1.5 करोड़ लोग तूफान से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई और कल्लाकुरिची में एक ही दिन में पूरे सीजन (50 सेमी से ज्यादा) के बराबर बारिश हुई, जिससे बाढ़ आ गई।

2,416 झोपड़ियां, 721 घर, 963 मवेशियों की मौत, 2 लाख हेक्टेयर जमीन बर्बाद, 9,000 KM की सड़कें, 1,936 स्कूल तबाह हो चुके हैं। टैम्पररी तौर पर सबकुछ ठीक करने के लिए 2,475 करोड़ की आवश्यकता होगी। NDRF फंड के जरिए तत्काल 2 हजार करोड़ रुपए की मदद करें।
दरअसल, फेंगल तूफान 30 नवंबर शाम 7:30 बजे पुडुचेरी के कराईकल और तमिलनाडु के महाबलीपुरम के बीच समुद्र तट से टकराया था। कमजोर होने के बाद तूफान 2 दिसंबर को केरल, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पहुंचा। इन राज्यों में भी लगातार तेज बारिश हो रही है।

तस्वीर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई की है। यहां एक बुजुर्ग महिला को NDRF के जवान ने रेस्क्यू किया।

भारी बारिश के कारण तमिलनाडु के तिरुवरुर में सोमवार को स्कूल जाने के लिए बच्चों को परेशानी हुई।

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के उथंगराई बस स्टैंड पर सड़क पर खड़ी गाड़ियां बह गईं, जो वानियमबाड़ी रोड पर है।
स्टालिन की PM को चिट्ठी, 3 पॉइंट
- तूफान के लैंडफॉल के समय 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली। चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम में भारी वर्षा हुई। कल्लाकुरिची, कुड्डालोर और तिरुवन्नामलाई में सड़कों और बिजली लाइनों का नुकसान हुआ। जलप्रलय से लोगों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
- हमने प्रभावित जिलों में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया। NDRF की 9 टीमें और SDRF की भी 9 टीमें तैनात की गई हैं। 38,000 सरकारी अधिकारियों और 1 लाख ट्रेन्ड फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स भी बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। रिलीफ कैंप और कॉमन किचिन चालू किए हैं।
- बाढ़ वाले इलाकों से पानी निकालने के लिए 12 हजार मोटर पंप भेजे गए हैं। NDRF फंड के अलावा नुकसान का आकलन करने के लिए एक सेंट्रल की टीम को भी भेजा जा सकता है, जिसके बाद पूरे राज्य को पहले जैसा करने के लिए और फंड की मांग की जा सकती है।
तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में लैंडस्लाइड, 5 मौतें, 2 लापता
तमिलनाडु में तिरुवन्नामलाई में पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ। NDRF के मुताबिक, लगभग 40 टन वजनी चट्टान पहाड़ से लुढ़ककर वीयूसी नगर की सड़क पर बने घरों पर गिरी जिससे 2 घर जमींदोज हो गए। मलबे में दबने से 5 लोगों की मौत हो गई। 2 लोग अब भी लापता हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजकुमार, मीना, गौतम, इनिया, राम्या, विनोदिनी और महा की मलबे में दबने की आशंका थी। इनमें से किन 5 के शव मिले हैं, यह बताया नहीं गया है। NDRF हाईड्रोलिक लिफ्ट से चट्टान हटाने की कोशिश कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…
लैंड स्लाइड से जुड़ी तस्वीरें…

लैंड स्लाइड के बाद पहाड़ी से चट्टानों के छोटे-बड़े टुकडे़ गिरते रहे, जिनसे रेस्क्यू ऑपरेशन रात में रोक दिया गया था।

सोमवार सुबह रेस्क्यू दोबारा शुरू किया गया, लेकिन बारिश के कारण इसमें परेशानी हो रही है।

NDRF के अलावा तिरुवन्नामलाई की पुलिस भी स्थानीय लोगों के साथ रेस्क्यू करने में जुटी है।

रेस्क्यू टीम का कहना है कि अन्नामलाई मंदिर की पहाड़ी पर भी एक चट्टान लटकी हुई है जो कभी भी गिर सकती है। इसलिए इलाके से 50 से 80 लोगों को निकाल दिया गया है।
कृष्णागिरी में बसें-कारें बह गईं…

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के उथंगराई बस स्टैंड पर सड़क पर खड़ी गाड़ियां बह गईं, जो वानियमबाड़ी रोड पर है।
पुडुचेरी में टूटा बारिश का 20 साल पुराना रिकॉर्ड तूफान फेंगल 1 दिसंबर को तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया था, लेकिन इसके असर से हुई मूसलाधार बारिश से पुड्डुचेरी में 24 घंटे में 49 सेमी बारिश हुई। यह 20 साल की सबसे अधिक बारिश है। शहरी इलाकों में पानी भरने से सेना को भी बुलाया गया। सेना ने 200 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। एक हजार लोगों को राहत शिविरों में भी पहुंचाया गया है।

सऊदी अरब ने ‘फेंगल’ तूफान नाम दिया इस तूफान का नाम ‘फेंगल’ सऊदी अरब की तरफ से प्रस्तावित किया गया है। यह एक अरबी शब्द है, जो भाषाई परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का मिश्रण है। यह शब्द वर्ल्ड मीटियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) के नामकरण पैनल में क्षेत्रीय विविधता को दर्शाता है।
चक्रवातों के नामों का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाता है कि नामों का उच्चारण आसान हो, वे याद रखने में सरल हों, और सांस्कृतिक रूप से निष्पक्ष हों। यह ध्यान रखा जाता है कि नाम ऐसे हों जिनसे अलग-अलग क्षेत्रों और भाषाओं के बीच कोई विवाद पैदा न हो या किसी का अपमान न हो।



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