Published On: Thu, Aug 1st, 2024

तमिलनाडु में NIA की 20 ठिकानों पर छापेमारी: रामलिंगम हत्या मामले से PFI से जुड़े लोगों के घरों पर रेड, 5 आरोपी फरार हैं


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29 मिनट पहले

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NIA ने तिरूचिरापल्ली समेत कुल 20 जगहों पर छापेमारी की। - Dainik Bhaskar

NIA ने तिरूचिरापल्ली समेत कुल 20 जगहों पर छापेमारी की।

तमिलनाडु में गुरुवार (1 अगस्त) को नेशनल इन्वेस्टीगेशन (NIA) ने PMK नेता रामलिंगम की हत्या की जांच के सिलसिले में तमिलनाडु में 15 और कराइकल में एक ठिकाने पर छापेमारी की।

रामलिंगम ने प्रतिबंधित संगठन PFI की धर्मांतरण गतिविधियों का विरोध किया था। जिसके चलते तंजावुर में 2019 में उनकी हत्या कर दी गई थी।

पिछले साल जुलाई में भी NIA ने तमिलनाडु में पांच फरार घोषित अपराधियों और संदिग्धों के ठिकानों समेत 21 स्थानों पर छापेमारी की थी।

5 अपराधियों पर 5 लाख का इनाम
अगस्त 2019 में NIA की विशेष अदालत में पांच फरार आरोपियों सहित 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। अदालत ने इन 5 आरोपियों को दोषी ठहराया था। एजेंसी ने फरार अपराधियों की सूचना देने पर 5 लाख रुपए की घोषणा की थी।

इससे पहले NIA ने बताया था कि आरोपियों ने रामलिंगम की बेहद हिंसक जिहादी तरीके से हत्या करके उससे बदला लिया था।

2019 में रामलिंगम की हत्या हुई थी
5 फरवरी 2019 को रामलिंगम की हत्या कर दी गई थी। 6 फरवरी को तमिलनाडु के तंजावुर जिले के थिरुविदाईमारुथुर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज मामले की जांच शुरू की गई। NIA ने 7 मार्च 2019 को जांच अपने हाथों में ले ली।

एजेंसी ने बताया कि रामलिंगम की हत्या का मकसद धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और बदला लेना था। क्योंकि वे लगातार जबरन धर्मांतरण का विरोध कर रहे थे। इसी वजह से रामलिंगम की हत्या कर दी गई थी। मामले में 2 अगस्त 2021 को एनआईए ने मामले में फरार चल रहे PFI के मेंबर रहमान शादिक को गिरफ्तार गया था।

PFI पर 5 साल का बैन, सरकार बोली- इनकी गतिविधियों से सुरक्षा को खतरा
केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया था। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं। केंद्र सरकार ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया। सरकार ने कहा, PFI और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।

मोदी थे PFI के निशाने पर, केरल में बनी प्लानिंग: कोर्ट में ED बोली – बिहार में मारने की साजिश थी

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर 22 सितंबर को NIA-ED ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत छापेमारी की थी। इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया था। कोझिकोड से गिरफ्तार PFI वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ED ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसकी फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल था। पूरी खबर पढ़ें…

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