Published On: Mon, Aug 12th, 2024

तमसा नदी की धार में फंसे 69 लोग, मची चीख-पुकार, देवदूत बनकर आए SSB जवान और यूं बचा ली जान


बिहार के पश्चिमी चंपारण में वाल्मीकिनगर स्थित भारत-नेपाल सीमा पर सीमा सुरक्षा में तैनात एसएसबी और एपीएफ के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। यह जवान उन 69 श्रद्धालुओं के लिए देवदूत बनकर आए जो तमसा नदी की तेज धार में फंस गए थे।

दरअसल सोमवार की सुबह लगभग 5 बजे 69 श्रद्धालु भारत से वाल्मीकि आश्रम (नेपाल) दर्शन करने आए थे। दर्शन करने के बाद जब श्रद्धालु वापस लौट रहे थे तब अचानक तमसा नदी में तेज बहाव के साथ पानी के स्तर में वृद्धि होने लगी। जिससे कुछ श्रद्धालु नदी में फंस गए और चीख-पुकार करने लगे। इसकी सूचना एसएसबी के जवानों और एपीएफ नेपाल के पोस्ट कमांडर को मिली।

सूचना मिलते ही दोनों ही देशों के जवानों ने तत्परता दिखाई और वो अपने – अपने कर्मियों के साथ नदी के पास पहुंचे। अद्भूत साहस का परिचय देते हुए नदी में फंसे लोगों को बचाने के लिए जवानों द्वारा मानव श्रृंखला बनाई गई। वहां मौजूद संसाधनों का उपयोग करते हुए कुल 69 श्रधालुओं को जिसमें 31 पुरुष, 29 महिलाएं और 09 बच्चें शामिल थे इन सभी को बचा लिया गया।

तमसा नदी में फंसे इन सभी लोगों ने अपनी जान बचने के बाद सभी जवानों का आभार प्रकट किया। फंसे श्रद्धालुओं में नीरज गुप्ता के साथ 06 श्रद्धालु जो गोपालगंज, बिहार के थे, घुघली महतो के साथ 40 श्रद्धालु सहोदरा नरकटियागंज बिहार, संदीप कुमार के साथ 4 श्रद्धालु महराजगंज उत्तर प्रदेश, संजीव कुमार के साथ 16 श्रद्धालु मोतिहारी से थे।

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