Published On: Thu, May 29th, 2025

डोनाल्‍ड ट्रंप के झूठ पर भारत का फिर करारा वार, ‘ट्रेड टू सीजफायर’ पर उधेड़ दी परतें


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भारत ने ट्रंप के सीजफायर दावे को झूठा बताया. विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत-पाकिस्तान सीजफायर सैन्य बातचीत से हुआ, अमेरिका का कोई योगदान नहीं. भारत ने स्पष्ट किया, सुरक्षा निर्णय स्वतंत्र हैं.

ट्रंप के झूठ पर भारत का फिर करारा वार, 'ट्रेड टू सीजफायर' पर उधेड़ दी परतें

भारत पाक‍िस्‍तान सीजफायर पर ट्रंप को फ‍िर भारत की दो टूक.

हाइलाइट्स

  • भारत ने ट्रंप के सीजफायर दावे को झूठा बताया.
  • सीजफायर भारत-पाकिस्तान की सैन्य बातचीत से हुआ.
  • भारत की सुरक्षा निर्णय स्वतंत्र और संप्रभु हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर बार-बार अपनी भूमिका का दावा करने पर भारत ने दो टूक जवाब देते हुए फिर झूठ की परतें उधेड़ दी हैं. ट्रंप और उनके प्रशासन की तरफ से अमेरिकी अदालत में दाखिल किए गए बयान पर भारत ने साफ कहा है कि सीजफायर का फैसला भारत-पाकिस्तान के बीच सीधे सैन्य स्तर की बातचीत से हुआ था, और इसमें अमेरिका या उसके व्यापारिक दबाव का कोई योगदान नहीं है.

अमेरिकी अदालत में ट्रंप प्रशासन ने दलील दी कि उनकी ट्रेड पॉलिसी के चलते ही भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को सीजफायर समझौता संभव हो पाया. ट्रंप की ओर से यह तक कहा गया कि यदि उनकी टैरिफ शक्ति को सीमित किया गया तो भविष्य में ऐसे समझौते मुश्किल हो सकते हैं. इसके जवाब में भारत ने इस कथन को पूरी तरह “अवास्तविक और भ्रामक” करार दिया.

टैरिफ का कोई जिक्र कभी नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणदीप जायसवाल ने साफ कहा कि “सीजफायर की बातचीत में टैरिफ का कोई जिक्र कभी नहीं हुआ. भारत और पाकिस्तान के बीच यह फैसला डीजीएमओ स्तर की सीधी बातचीत के बाद हुआ था. ऑपरेशन सिंदूर से लेकर सीजफायर तक, भारत की कूटनीति में अमेरिका का कोई रोल नहीं है. रणदीप जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि भारत अपने हितों और सुरक्षा के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत और 10 मई को पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर के बीच जो भी प्रक्रिया चली, उसमें अमेरिका का कोई औपचारिक या अनौपचारिक योगदान नहीं था.उन्होंने कहा, हम यह स्थिति पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं, लेकिन बार-बार इस तरह के झूठे दावे करके अमेरिका की पिछली सरकार केवल खुद को महत्त्वपूर्ण दिखाने की कोशिश कर रही है.

अमेरिका ने कोर्ट में क्या कहा?
अमेरिकी अदालत में ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया कि, “भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु शक्तियों के बीच टकराव को टालने के लिए हमने ट्रेड का इस्तेमाल किया. उनके अनुसार टैरिफ का प्रयोग केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक प्रभाव के लिए भी किया गया. यह दावा तब किया गया जब अमेरिकी कोर्ट में टैरिफ अधिकारों को सीमित किए जाने पर सुनवाई हो रही थी. इस दौरान ट्रंप प्रशासन ने अपनी ‘कामयाबी’ गिनाने के लिए भारत-पाकिस्तान सीजफायर को उदाहरण के तौर पर पेश किया.

भारत ने अमेरिका को दिखाई आईना
भारत की तरफ से यह रुख पूरी तरह स्पष्ट है, भारत की सुरक्षा, विदेश नीति और युद्ध/शांति के फैसले संप्रभु हैं, और किसी दूसरे देश के दबाव या टैरिफ नीति से प्रभावित नहीं होते. भारत ने एक बार फिर ट्रंप प्रशासन की उस पुरानी कोशिश को नकारा है जिसमें वो खुद को शांति का वास्तुकार साबित करने पर तुले थे.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

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