टकराव के बारे में न सोचें… किसान नेता डल्लेवाल को लेकर SC की टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज ओवैसी की याचिका के साथ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के मामले में सुनवाई होनी थी. जगजीत सिंह की चिकित्सा सहायता प्रदान करने के मामले में सुनवाई शुरू हो गई है. इस मामले में दो याचिकाएं हैं. एक ताजा दायर की गई है और दूसरी डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने की अवमानना याचिका है.
जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा कि आप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हमारे पास पूर्व न्यायाधीशों की एक समिति है जिनकी जड़ें पंजाब से हैं. वे सभी विद्वान लोग हैं. अब वह कमेटी वहां है. हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते. वहीं एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हम एक व्यक्ति के स्वास्थ्य तक ही सीमित हैं. केंद्र सरकार को किसानों की चिंता है. नयी याचिका पर नोटिस जारी करने के बजाय वे मुझे याचिका दे सकते हैं.
पंजाब के एजी गुरमिंदर सिंह ने कहा कि हमारी मेडिकल टीम डल्लेवाल के लिए मौके पर है.
वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 1991 के पूजा स्थल कानून के अमल की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ओवैसी ने कहा था, अब उम्मीद है कि देश में दंगे नहीं होगे. इस कानून के तहत किसी भी स्थान का धार्मिक चरित्र वही रहेगा जैसा 15 अगस्त, 1947 को था.
ओवैसी ने यह याचिका 17 दिसंबर, 2024 को अधिवक्ता फुजैल अहमद अय्यूबी के जरिए दाखिल की थी. हालांकि, 12 दिसंबर को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 1991 के इस कानून के विरुद्ध इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए धार्मिक स्थलों खासकर मस्जिदों एवं दरगाहों पर पुनर्दावों की मांग वाले लंबित मामलों पर कोई भी अंतरिम या अंतिम आदेश जारी करने और नई याचिकाएं स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 12:15 IST