Published On: Thu, Dec 5th, 2024

झुंझुनूं में बनने लगा है सागरोटा, संतरे के जूस से बनता है विशेष साग, देशी घी में तैयार होता है रोटा



झुंझुनूं. झुंझुनू के प्रसिद्ध सागरोटा सर्दियां आते ही बननe शुरू हो जाता है. यह सागरोटा सर्दियों का एक खास भोजन बन चुका है. जिसे सिर्फ शेखावाटी के लोग ही नहीं बाहर के लोग भी काफी पसंद करते हैं. सागरोटा की शुरुआत मुख्यतः चिड़ावा से मानी जाती है पर अब झुंझुनू के विभिन्न जगहों पर यह सागरोटा बनने लगा है. झुंझुनू के पंचदेव मंदिर के पास में न्यू कानजी स्वीट्स पर विशेष सागरोटा बनाए जा रहे हैं.

झुंझुनू में बन रही सागरोटा के बारे में जानकारी देते हुए लालजी हलवाई ने बताया कि उनके सागरोटा पिछले 7 साल से बनाया जा रहा है. सागरोटा बनाने के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उनका सागरोटा झुंझुनू में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. वह सागरोटा बनाने के दौरान देसी घी का उपयोग करते हैं, साथ में ही उपयोग में लिए जाने वाला मसाला भी पूरी तरीके से उनके द्वारा तैयार किया जाता है. सगरोटा बनाने के लिए विशेष आटे का उपयोग किया जाता है. वह इस आटे को दूध के साथ में गूंथा जाता है. इससे रोटे बनाए जाते हैं.

साग बनाने की विधि
सागरोटा में साग बनाने की विधि के बारे में जानकारी देते हुए लालचंद ने बताया कि वह सबसे पहले घी लेते हैं घी में जीरा और कुछ मसाले डाले जाते हैं. उसके बाद में उसमें साबुत पिसा हुआ प्याज, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक को डालते हैं फिर उसे धीमी आंच पर पकाया जाता है. जब उसका रंग थोड़ा सा बदल जाता है. तब उसमें लाल मिर्च धनिया हल्दी इत्यादि का तैयार किया हुआ पेस्ट भी उसमें डाला जाता है. वह उसे धीमी आंच पर 5 से 7 मिनट तक पकाया जाता है. उसके पश्चात इसमें उबले हुए मटर डाले जाते हैं. मटर को डालने के बाद में इसमें गोभी डालकर उसे अच्छे से पकाया जाता है. जब गोभी आसानी से टूटने लग जाती है तब उसमें और अधिक स्वाद लाने के लिए उसमें संतरे का जूस डाला जाता है. इस प्रकार यह साग बनकर तैयार हो जाता है. रोटा बनाने के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दूध में गूंथे हुए आटे को कुछ देर के लिए रख देते हैं उसके पश्चात उनको बेला जाता है वह थोड़ी सीकाई उनकी तत्वों पर की जाती है उसके पश्चात उसे आग के अंगारों पर सेका जाता है.

ये होती है कीमत
इस विशेष तरीके से बनने वाले यह सागरोटा झुंझुनू के लोगों को काफी पसंद आता है. कीमत के बारे में जानकारी देते हुए लालचंद ने बताया कि बाजार में यह ₹600 किलो के हिसाब से सब्जी दी जाती है पर वह लोगों को 550 रुपए की एक किलो के हिसाब से सब्जी वह साथ में 20 रोटे खाने के लिए देते हैं. उनकी इस वाजिब कीमत व स्वाद की वजह से दिन की 50 से 60 सागरोटे की बुकिंग आ जाती है.

Tags: Food, Jhunjhunu news, Local18, Rajasthan news

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