जैश से जुड़े आतंकियों के 2 मददगार गिरफ्तार: कठुआ हमले के आतंकियों को वाई-फाई और खाना मुहैया कराया था, 5 जवान शहीद हुए थे

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श्रीनगर3 मिनट पहले
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कठुआ में 8 जुलाई को सेना के ट्रक पर आतंकियों ने हमला किया था।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हुए थे। इस अटैक केस में आतंकियों की मदद करने वाले दो ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) गुरुवार (25 जुलाई) को गिरफ्तार किए गए हैं।
दोनों के जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की आशंका है। दोनों OGW आतंकियों को खाने-पीने की चीजों के साथ ही वाई-फाई मुहैया कराते थे, ताकि आतंकी सीमा पार बैठे अपने हैंडल्स से बातचीत कर सकें। इन इलाकों के स्थानीय लोग आतंकियों की मदद करते हैं।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान लियाकत और राज के रूप में हुई है। 8 जुलाई के बाद से आतंकियों को ढूंढने के लिए पुलिस ने 100 लोगों से पूछताछ की थी। इनसे पूछताछ के आधार पर दोनों OGW वर्कर्स का पता चला।

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को गुरुवार सुबह मलहार पुलिस स्टेशन लाया गया था।
सेना के ट्रक पर आंकियों ने गोलीबारी की थी
8 जुलाई को सुरक्षाबल दो ट्रकों में कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दोपहर 3.30 बजे पहाड़ी इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। रास्ता कच्चा था, गाड़ी की रफ्तार भी धीमी थी। एक तरफ ऊंची पहाड़ी और दूसरी तरफ खाई थी।
आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की थी। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए थे। हमले में 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई थी। वे एडवांस हथियारों से लैस थे।
मैप के जरिए कठुआ हमले की लोकेशन समझें…

आतंकी 9 जून को रियासी हमले की थ्योरी दोहराना चाहते थे
9 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ ले रहे थे। उसी समय जम्मू के रियासी से खबर आई कि आतंकियों ने श्रद्धालुओं की बस पर फायरिंग कर दी है। फायरिंग में ड्राइवर को टारगेट किया गया। इसकी वजह से बस बेकाबू होकर गहरी खाई में जा गिरी। 9 यात्रियों की मौत हुई, जबकि 42 लोग घायल हो गए। पूरी खबर पढ़ें…
8 जुलाई को कठुआ में भी आतंकियों ने हमले की यही थ्योरी अपनाई। आतंकियों ने ऊंची पहाड़ियों से सेना के ट्रक पर हमला किया। टारगेट ड्राइवर को किया। हालांकि, खराब सड़क की वजह से ट्रक 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार में था, इसलिए खाई में नहीं गिरा। इसके बाद आतंकियों की फायरिंग में 5 जवान शहीद हुए और 5 घायल हो गए।
ग्रामीण ने कहा- 10 मिनट पहले यहां से एक बस गुजरी थी
घटनास्थल से कुछ मीटर की दूरी पर दुकान चलाने वाले पूरन चंद शर्मा ने बताया- हमले से करीब 10 मिनट पहले एक बस सड़क से गुजरी थी। हमने एक जोरदार धमाका सुना। हमें लगा जैसे किसी गाड़ी का पहिया ब्लास्ट हुआ हो। कुछ देर बाद हुई भारी गोलीबारी से लगा कि एनकाउंटर चल रहा है। शाम 5 बजे तक भारी गोलीबारी हुई। उसके बाद एक घंटे तक रुक-रुक कर फायरिंग होती रही।
शर्मा ने बताया- मेरी दुकान पर करीब 12 ग्रामीण थे। गोलीबारी में फंसने से बचने के लिए हम अंदर छिप गए। गोलीबारी बंद होने के बाद हम हताहतों को निकालने में मदद करने के लिए दौड़े। एक अन्य स्थानीय विजय कुमार ने कहा बताया- आतंकवादी उस बस में सवार होकर आए होंगे, जो गोली चलने से कुछ देर पहले ही वहां से गुजरी थी।

हमले की 10 तस्वीरें…

यह वही गाड़ी है, जिस पर कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ग्रेनेड अटैक किया।

हमले के बाद ट्रक के आसपास कच्ची सड़क पर खून के निशान दिख रहे हैं।

ग्रेनेड हमले के बाद घायल हुए जवान के खून के निशान ट्रक के अंदर देखे जा सकते हैं।

कच्चा रास्ता होने के चलते हमले के बाद जवान ट्रक को वापस घुमा नहीं पाए थे।

हमले के वक्त ट्रक की रफ्तार धीमी थी। इसलिए जवानों को ज्यादा नुकसान हुआ।

आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला करने के बाद ट्रक के टायर को गोली चलाकर पंचर किया था।

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन चलाया।

घायल जवान को अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही इलाज चालू कर दिया गया था।

हमले में घायल जवानों को पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है।

हमले के बाद जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। तस्वीर ऊधमपुर की है।
आतंकी हमले को लेकर कश्मीर टाइगर्स का कबूलनामा…
हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है। संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया कि यह हमला 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकियों की मौत का बदला है। साथ ही बताया कि आतंकियों ने हमला हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से किया।
KT-213 ने एक पोस्ट में लिखा- ‘कठुआ के बडनोटा में भारतीय सेना पर हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से हमला किया है। यह डोडा में मारे गए 3 मुजाहिदीन की मौत का बदला है। जल्द ही और ज्यादा हमले किए जाएंगे। ये लड़ाई कश्मीर की आजादी तक चलती रहेगी।’

यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था- बदला लिया जाएगा
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने X पर पोस्ट में कहा- मैं कठुआ में हुए हमले में पांच जवानों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं। राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके बलिदान का बदला लिया जाएगा। भारत हमले के पीछे की बुरी ताकतों को हराएगा।
4 मई को भी सेना की गाड़ी पर हमला हुआ था

आतंकियों ने जो गोलियां चलाईं, उनके निशान ट्रक के सामने लगे ग्लास पर देखे जा सकते हैं।
2 महीने पहले भी सेना के वाहन पर हमला हुआ था। यह हमला पुंछ के शाहसितार इलाके में एयरफोर्स के काफिले पर हुआ था, जिसमें कॉर्पोरल विक्की पहाड़े शहीद हो गए थे और 4 अन्य जवान घायल हो गए थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के दो वाहनों पर भारी फायरिंग की। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं।
