जेडीयू खत्म नहीं होगी, पूरे बिहार में छा जाएगी; मनीष वर्मा बोले- 2025 का चुनाव स्वीप करेंगे
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हाल ही में जेडीयू में शामिल हुए मनीष वर्मा को सीएम नीतीश ने राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी है। सोमवार को पार्टी महासचिव बनने के बाद पहली बार पटना में जेडीयू कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होने आगामी चुनाव के लिए अभी से जुट जाने की आह्वान किया। साथ ही कहा कि जो लोग बिहार में जेडीयू के खत्म होने की बात करते हैं। उनको मैं जवाब देना चाहता हूं कि जदयू कभी खत्म नहीं होगी। और पूरे बिहार में छा जाएगी। आने वाले चुनाव में जेडीयू स्वीप करेगी।
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने कहा कि रूपौली में मिली हार से मुझे दुख हुआ था। जिस दिन उपचुनाव का नतीजा आया, उसी दिन मुझे दिल्ली से पटना आना था। लेकिन चुनाव में हार-जीत चलती रहती है, लेकिन कभी मन से हार नहीं मानना चाहिए। चुनाव किसी एक उम्मीदवार का नहीं होता। बल्कि पूरी पार्टी का होता है। जब कैंडिडेट जीतता है, तो पूरी पार्टी खुश हो जाती है, और हारता है तो पार्टी निराश हो जाती है।
उन्होने कहा कि ये बहुत बड़ी बात है कि कोई व्यक्ति पार्टी में आता है, और उसे तुरंत इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिल जाती है। ये हमारे नेता नीतीश कुमार के बड़े दिल को दर्शाता है। और मैं इस जिम्मेदारी को निभाने का काम करूंगा। हमें बिहार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत होना है। हमारे कार्यकर्ता ही हमारी पूंजी है। हमारा दल ऐसी पार्टी है, जिसमें सभी धर्मों और जातियों को लोग जुड़े है। लोहिया और आंबेडकर के विचारों पर ही ये पार्टी चलती है। नीतीश कुमार ने पूरे बिहा को बदलने का काम किया है।
आपको बता दें रूपौली उपचुनाव में जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को हार का सामना करना पड़ा। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत हासिल की थी। आरजेडी की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं। रूपौली में मिली हार से भी मनीष वर्मा दुखी थे। मनीष वर्मा बीते हफ्ते ही जेडीयू में शामिल हुए थे। और अगले ही दिन उन्हें पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जदयू का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया था।
पूर्व आईएएस मनीष वर्मा बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता डॉ अशोक वर्मा बिहारशरीफ के एक बड़े डॉक्टर के रूप में जाने जाते रहे। वर्मा की प्राथमिक शिक्षा बिहारशरीफ के एक सरकारी स्कूल से हुई। आईआईटी, दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने से पहले उन्होंने पटना के एक स्कूल में भी पढ़ाई की। 2000 में यूपीएससी में सफलता हासिल करने से पहले वर्मा ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ भी काम किया है।
वर्मा की पहली पोस्टिंग कालाहांडी में हुई और फिर वह ओडिशा के गुनुपुर, रायगरा में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बने। बिहार में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने से पहले वह 12 साल तक ओडिशा में थे। बिहार में वह पटना और पूर्णिया के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। वह 2016 से 2021 तक मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी तैनात थे।