जम्मू में भारत-पाक बॉर्डर पर BSF के साथ सेना तैनात: 4 साल बाद ऐसा हुआ; 2020 में जवानों को लद्दाख में LoC भेजा गया था
जम्मू6 मिनट पहलेलेखक: एम. रियाज हाशमी
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पाकिस्तान से जुड़े जम्मू बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ ही सेना तैनात कर दी गई है। 2020 में चीन के साथ टकराव के बाद जवानों को जम्मू रीजन से हटाकर लद्दाख में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) भेज दिया गया था। हालांकि, अभी LoC से यहां जवान नहीं लाए जाएंगे, बल्कि जम्मू में दो-तीन दिन में अतिरिक्त तैनाती होगी।
जो जवान यहां पहले से जम्मू में हैं, उन्हें बॉर्डर भेज दिया है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक कठुआ के पहाड़ी इलाकों के 80 किमी दायरे में जवान तैनात हो चुके हैं। इन्होंने नदियों, बरसाती नालों, घुसपैठ के पुराने मार्गों को पूरी तरह नियंत्रण में ले लिया है।
यह जानकारी शनिवार (20 जुलाई) को जम्मू पुलिस मुख्यालय में सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में हुई बैठक में दी गई। इसमें बताया गया कि जम्मू रीजन में जवान बढ़ाने और खुफिया सूचनाओं को तुरंत साझा करने के लिए मल्टी एजेंसी सेंटर को उन्नत कर रहे हैं।
आतंकियों के सफाए के लिए इंटर कमांड बदलाव करते हुए कमांडो भी तैनात किए जा रहे हैं। वेस्टर्न कमांड से भी फौज भेजी गई है।
19 सिग्नल इंटरसेप्ट…इसके बाद जवान बढ़ाए
रक्षा सूत्रों ने भास्कर को बताया कि जम्मू क्षेत्र की पीर पंजाल और चिनाब घाटी में 12 से अधिक आतंकी समूह सक्रिय हैं। 9 जुलाई को रियासी हमले के बाद सुरक्षा तंत्र ने 19 सिग्नल इंटरसेप्ट किए हैं। इसमें सांबा और हीरानगर में भारत-पाक सीमा पर अगले कुछ दिनों बड़ी घुसपैठ के संकेत मिलने के बाद सैन्य तैनाती बढ़ाई गई।
दो दिन पहले कश्मीर में कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में मारे गए दो विदेशी आतंकियों से ऑस्ट्रिया में बनी बुलपप असॉल्ट राइफल स्टेयर एयूजी और पाकिस्तानी पहचान पत्र भी मिला है।
आतंकी चारों तरफ से घिरे…बचना मुश्किल
सैन्य कमांडरों ने सेना प्रमुख को यह भी बताया कि धीरे-धीरे जवान उन जगहों को नियंत्रण में ले रहे हैं, जहां पहले आतंकी छिपते थे। डोडा की पहाड़ियों पर ऑपरेशन लगातार जारी है। पुंछ के सुरनकोट और मेंढर में भी घेराबंदी कर ली गई है। शींदरा टॉप, सनेई टॉप, डन्ना शाह सतार और बच्चेयां वाली के जंगलों में एसओजी, सीआरपीएफ और पैरा कमांडो कॉम्बिंग कर रहे हैं।
इस बार हालात गंभीर, तत्काल कार्रवाई जरूरी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने भास्कर को बताया कि 2005 के पहले जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों में आतंकवाद का जितना विस्तार था, इस बार हालात उससे ज्यादा गंभीर हैं। अगर तत्काल गंभीर कार्रवाई नहीं की गई तो हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।
हालांकि, सेना की तैनाती बहुत तेजी से बढ़ा दी गई है और नई योजना के साथ सेना मैदान में है। जल्द ही नतीजा आ जाएगा। हम उन्हें नेस्तनाबूद कर देंगे।