छगन भुजबल बोले- अजित पवार ने मंत्री नहीं बनने दिया: अब कहते हैं इस्तीफा देकर राज्यसभा जाओ, क्या मैं कोई खिलौना हूं

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नासिक5 घंटे पहले
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छगन भुजबल ने कहा कि कैबिनेट विस्तार के बाद से उन्होंने NCP प्रमुख अजित पवार से बात नहीं की है।
महाराष्ट्र में बनी नई सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर NCP नेता छगन भुजबल पार्टी लीडर्स से नाराज हैं। सोमवार को उन्होंने डिप्टी सीएम अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल से पूछा कि क्या मैं आपके हाथ का खिलौना हूं।
नागपुर में एक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने के पक्ष में थे, लेकिन अजित पवार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया।
छगन भुजबल ने कहा कि मैंने नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव स्वीकार किया था। जब मैं राज्यसभा में जाना चाहता था, तो मुझे विधानसभा चुनाव लड़वाया। अब 8 दिन पहले मुझे राज्यसभा सीट की पेशकश की गई, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने तब मेरी बात नहीं सुनी, अब वे मुझे राज्यसभा सीट दे रहे हैं। अगर मैं इस्तीफा दे दूंगा तो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग क्या सोचेंगे? क्या मैं आपके हाथों का खिलौना हूं? जब भी आप मुझसे कहेंगे मैं खड़ा हो जाऊंगा, जब भी आप मुझसे कहेंगे मैं बैठ जाऊंगा और चुनाव लड़ूंगा?

भुजबल बोले- मराठा आरक्षण का विरोध किया, इसलिए मंत्री नहीं बनाया भुजबल ने दावा किया कि नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग करने वाले मनोज जरांगे का विरोध करने के कारण उन्हें कैबिनेट से बाहर रखा गया। भुजबल ने कहा कि कैबिनेट विस्तार के बाद से उन्होंने NCP प्रमुख अजित पवार से बात नहीं की है।
लोकतंत्र में हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। मैं पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि मुझे मंत्री पद के लिए किसने अस्वीकार किया। मंत्री पद आते-जाते रहते हैं। मगर मुझे खत्म नहीं किया जा सकता।
हर पार्टी में निर्णय पार्टी प्रमुख लेते हैं। जैसे देवेंद्र फडणवीस BJP के लिए और एकनाथ शिंदे शिवसेना के लिए, वैसे ही अजित पवार NCP के लिए निर्णय लेते हैं। CM फडणवीस ने जोर दिया था कि मुझे मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए। मैंने खुद इसकी पुष्टि की है।

शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने भी उपनेता पद से इस्तीफा दिया इससे पहले शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने भी मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज होकर 16 दिसंबर को पार्टी के उपनेता और विदर्भ क्षेत्र के समन्वयक पद से इस्तीफा दे दिया था। भंडारा-पवनी विधानसभा क्षेत्र से 3 बार विधायक रह चुके नरेंद्र भोंडेकर ने कहा कि उनसे मंत्री पद का वादा किया गया था। लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। उन्होंने एकनाथ शिंदे, वरिष्ठ नेता उदय सामंत और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को कई बार संदेश भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला
15 दिसंबर को हुआ था महाराष्ट्र सरकार का कैबिनेट विस्तार महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव रिजल्ट के 23वें दिन 15 दिसंबर को नागपुर में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था। फडणवीस सरकार में 33 कैबिनेट और 6 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली थी। CM और 2 डिप्टी CM समेत यह संख्या 42 हो गई। कैबिनेट में कुल 43 मंत्री शपथ ले सकते हैं। एक सीट खाली रखी गई है।
फडणवीस सरकार में 19 भाजपा, 11 शिवसेना और 9 NCP कोटे से मंत्री शामिल किए गए हैं। शिंदे सरकार के 12 मंत्रियों को इसमें जगह नहीं मिली। इनमें 4 भाजपा, 3 शिवसेना, 5 एनसीपी के हैं। 19 नए मंत्री बने। इनमें 9 भाजपा, 8 शिवसेना और 4 एनसीपी के हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

राज्य की उप-राजधानी नागपुर में 33 साल बाद कैबिनेट विस्तार और शपथ ग्रहण हुआ।
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