Published On: Thu, Jun 13th, 2024

चुनाव होते ही बिहार में 8 आईएएस का ट्रांसफर, केके पाठक को शिक्षा विभाग से दूसरी जगह भेजा


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लोकसभा चुनाव होते ही बिहार में तबादलों का सिलसिला शुरू हो गया हैं। नीतीश सरकार ने गुरुवार को केके पाठक समेत 8 आईएएस अफसर का ट्रांसफर कर दिया। केके पाठक को शिक्षा विभाग से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भेज दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के साथ शिक्षा विभाग के एसीएस अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। बता दें कि केके पाठक अभी लंबी छुट्टी पर गए हैं, उनकी अनुपस्थिति में एस सिद्धार्थ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार संभाल रहे हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को आठ आईएएस अधिकारियों का तबादला और दो आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने की अधिसूचना जारी की। इसमें केके पाठक और एस सिद्धार्थ समेत अन्य अधिकारियों का नाम है। राजकुमार को फिर से भोजपुर और आशुतोष कुमार वर्मा को पुनः नवादा का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। लोकसभा चुनाव में निर्वाचन विभाग ने इन दोनों डीएम को हटा दिया था। इसके बाद महेंद्र कुमार को भोजपुर और प्रशांत कुमार को नवादा का डीएम बनाया गया था। चुनाव होने के बाद सरकार ने फिर से दोनों भोजपुर और नवादा के डीएम बदले हैं।

केके पाठक को शिक्षा विभाग से हटाया गया

आईएएस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट में सबसे चर्चित नाम केके पाठक का है। उन्हें पिछले साल महागठबंधन सरकार के दौरान शिक्षा विभाग का एसीएस नियुक्त किया गया था। शिक्षा विभाग में आते ही पाठक ने कई तरह के बदलाव किए, जिससे शिक्षक और अभिभावकों ने विरोध भी जताया। छुट्टियों से लेकर अनुपस्थिति तक, उनके कई फैसलों पर विवाद हुए। शिक्षक संघ से लेकर राजनेताओं तक ने उनका विरोध किया। हालांकि, फिर भी पाठक अपने फैसलों पर अड़िग रहे।

केके पाठक छुट्टी पर गए तो दूर हो गई कड़वाहट, शिक्षा विभाग की मीटिंग में सारे वीसी पहुंच गए

पिछले महीने भीषण गर्मी के बावजूद स्कूलों का समय नहीं बदलने को लेकर केके पाठक की खूब आलोचना हुई। इस दौरान राजभवन और विश्वविद्यालयों से उनका टकराव भी चर्चा का विषय बना रहा। लोकसभा चुनाव का मतदान होते ही केके पाठक एक महीने की लंबी छुट्टी पर चले गए। इसके बाद एस सिद्धार्थ को उनकी अनुपस्थिति में शिक्षा विभाग के एसीएस की जिम्मेदारी दी गई। 

एस सिद्धार्थ ने पदभार संभालते ही केके पाठक के फैसलों को पलटना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने स्कूलों का समय बदला और जरूरत पड़ने पर गर्मी की छुट्टी भी कर दी। साथ ही स्कूल में लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम न काटने का निर्देश भी जारी किया। ऐसे में पहले से आसार जताए जा रहे थे कि केके पाठक के छुट्टी से लौटने पर उन्हें शिक्षा विभाग की जगह किसी अन्य जगह पर नियुक्ति दे दी जाएगी।

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