चुनाव नहीं लड़ पाएंगी मांझी के समधन की बहू: बोधगया नगर परिषद उपाध्यक्ष के लिए कर रही थीं प्रचार; वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं है – Gaya News

ज्योति मांझी की बहू गौरी कुमारी
बोधगया नगर परिषद उपाध्यक्ष पद के लिए हो रहे उपचुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के परिवार को झटका लगा है। उनकी समधन और हम पार्टी की विधायक ज्योति मांझी की बहू गौरी कुमारी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। जिसके चलते चुनाव लड़ने से वंचित हो गईं
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गौरी ने एनआर कटवाया था
नगर परिषद उपाध्यक्ष पद के लिए 28 जून को उपचुनाव होना है। नामांकन की अंतिम तारीख 5 जून है। हालांकि, गौरी ने एनआर भी कटवाया था और प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया था। लेकिन जब मतदाता सूची खंगाली गई, तो पता चला कि बोधगया के वार्ड 1 से 33 तक कहीं भी उनका नाम दर्ज ही नहीं है। ऐसे में नामांकन दाखिल नहीं कर सकी।
कानून के मुताबिक अयोग्य
सदर एसडीओ किसलय श्रीवास्तव के अनुसार जो भी उम्मीदवार 7 जनवरी 2025 तक प्रकाशित मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं। वे चुनाव नहीं लड़ सकते। गौरी का नाम अप्रैल में नगर परिषद सूची में जोड़ा गया था। जिसकी अंतिम प्रकाशन अक्टूबर में होगा। नियमानुसार वो चुनाव नहीं लड़ सकती है।
परिवार को कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा
ससुर बालेश्वर मांझी ने कहा कि जब विधानसभा वोटर लिस्ट में नाम है, तो नगर परिषद सूची में क्यों नहीं है। अब परिवार का कोई सदस्य उपचुनाव में नहीं लड़ेगा। हम 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करेंगे।

बोधगया नगर परिषद के उपाध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव।
राजनीति में पूरा परिवार
गौरी एमबीए पास हैं। बोधगया के धनावा गांव की रहने वाली हैं। विधायक ज्योति मांझी के बेटे की पत्नी हैं। खुद ज्योति मांझी विधायक हैं, जबकि उनके दामाद संतोष सुमन मंत्री हैं। संतोष सुमन के पिता जीतनराम मांझी मोदी सरकार में मंत्री है। संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी इमामगंज से विधायक हैं।
क्यों हो रहा है उपचुनाव
2022 में उपाध्यक्ष बनी कौसमी देवी की सदस्यता दो से अधिक संतान होने के कारण रद्द कर दी गई थी। अब 28 जून को वोटिंग और 30 जून को मतगणना होगी। यह चुनाव दो साल के लिए होगा। बोधगया नगर परिषद में 33 वार्ड और करीब 55 हजार मतदाता हैं।