चंडीगढ़ बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड का चेहरा आया सामने: अमेरिका में चला रहा ट्रक, जींद का रहने वाला, गोहाना में भी मांगी रंगदारी – Chandigarh News

चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में क्लबों के बाहर बम धमाके कराने वाले रणदीप मलिक का चेहरा सामने आ गया है। रणदीप पिछले 9 साल से अमेरिका में है और वहां उसका महाकाल ट्रांसपोर्ट के नाम से ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। उसके पास खुद के दो ट्रक हैं। एक ट्रक वह खुद चलाता
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रणदीप मलिक जींद के सफीदों के गांव एंचला कलां का रहने वाला है। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। उसकी एक बहन है, जिसकी करीब तीन साल पहले शादी हुई थी। प्रदीप ने अपनी बहन की शादी अमेरिका से लाइव देखी थी।
रणदीप के माता-पिता गांव में अकेले रहते हैं। गांव के लगभग सभी लोगों ने अब रणदीप से बात करना बंद कर दिया है। उसके खिलाफ कुरुक्षेत्र थाने में 2011 में आईपीसी की धारा 323, 325 और 506 के तहत केस दर्ज हुआ था।
गुहाना में भी मांगी थी रंगदारी, ग्रामीणों से हुई पूछताछ
सूत्रों ने बताया कि रणदीप मलिक ने गोहाना में भी एक व्यक्ति से रंगदारी मांगी थी। रंगदारी न देने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। हरियाणा पुलिस ने गांव के कई लोगों को पूछताछ के लिए गोहाना बुलाया था। प्रदीप गांव में अपने दोस्तों और परिचितों से फोन पर बात करता था।
पुलिस ने रणदीप मलिक की कॉल डिटेल की मदद से ग्रामीणों से संपर्क किया था। तब ग्रामीणों को रणदीप मलिक की असलियत पता चली। इसके बाद ग्रामीणों ने उससे बातचीत करना बंद कर दिया।

अमेरिका में ट्रक के साथ आरोपी रणदीप मलिक।
साहिल के जरिए संपर्क में आया विनय
जुलाना हत्याकांड में गिरफ्तार साहिल के जरिए अजीत और विनय रणदीप मलिक के संपर्क में आए थे। विनय और साहिल दोनों एक ही जेल में बंद थे। जहां उनकी दोस्ती हो गई। जींद का रहने वाला रणदीप वारदात का मास्टरमाइंड है। आरोपियों की साहिल से पुरानी दोस्ती है। उसके कहने पर वे रणदीप के संपर्क में आए थे। साहिल ने कहा था कि अगर मैं जेल चला जाऊं तो रणदीप को मैसेज करना। वह बताएगा कि क्या करना है?
सिग्नल ऐप के ज़रिए आरोपियों से बात करता था रणदीप
विनय और अजीत सिग्नल ऐप के ज़रिए रणदीप से बात करते थे। रणदीप मलिक ने उन्हें बताया था कि बम कहां से उठाना है और हथियार कहां से लाना है। रणदीप उन्हें अपराध में इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ मुहैया कराता था। इस काम के लिए उन्हें एडवांस में पैसे दिए जाते थे। साथ ही उन्हें विदेश में बसने का वादा भी किया जाता था। रणदीप के कारोबार को देखते हुए विनय और अजीत उसके कहने पर अपराध करने के लिए तैयार हो गए।

ट्रक पर शिवाजी और भगत सिंह की तस्वीर के साथ फोटो लेता आरोपी रणदीप मलिक।
पुलिस ने घायल कर किया था गिरफ्तार
26 नवंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित डीओरा और सेविला क्लब के बाहर बम धमाके हुए थे। जिसमें चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच और ऑपरेशन सेल ने हिसार एसटीएफ के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाया और हिसार के विनय और अजीत को मुठभेड़ में घायल करने के बाद गिरफ्तार कर लिया।
दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी थी। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि इन्होंने रणदीप मलिक के निर्देश पर बम धमाके किए थे। पुलिस रिमांड के दौरान विनय और अजीत से पूछताछ कर रही है। आरोपी 6 दिन की रिमांड पर है।
विदेश जाने के बाद आया गैंगस्टरों के संपर्क में
सूत्रों ने बताया कि 2015 यानी अमेरिका जाने से पहले वह कभी गैंगस्टरों के संपर्क में नहीं आया था। विदेश जाने के बाद वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ गया। बम धमाके के बाद गोल्डी बराड़ नाम के अकाउंट से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली गई थी।
जिसमें सबसे नीचे हैशटैग रणदीप मलिक लिखा था। हालांकि बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। लॉरेंस बिश्नोई की तरह रणदीप भी भगत सिंह का मुरीद है। उसने अपनी ट्रॉली पर भी भगत सिंह की तस्वीर लगा रखी है।