Published On: Sat, Jul 6th, 2024

ग्रामीणों की बड़ी जीत: अदाणी समूह को दी गई 108 हेक्टेयर जमीन वापस लेंगे; गुजरात हाईकोर्ट में बोली सरकार


Victory for villagers: 108 hectares of land given to Adani Group will be taken back; Govt bids in Gujarat HC

अदालत (सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


अडाणी समूह को दी गई 108 हेक्टेयर गौचर भूमि वापस ले जाएगी। गुजरात सरकार को हाईकोर्ट ने बताया। यह जमीन कच्छ में मुंद्रा बंदरगाह बनाने के लिए अडाणी समूह की दे दी गई थी। इसके खिलाफ ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

लगभग 13 साल बाद गुजरात सरकार निर्णय ले पाई। 2005 में गुजरात के राजस्व विभाग ने अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को 231 एकड़ गौचर भूमि आवंटित की थी। लेकिन ग्रामीणों को भूमि आवंटित होनी की सूचना 2010 में पता चली। जब एपीएसईजेड ने गौचर भूमि पर बाड़ लगाना शुरू किया। गांव के निवासियों ने अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को 231 एकड़ गौचर भूमि आवंटित करने के निर्णय के खिलाफ एक जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट का रुख किया था।

ग्रामीणों के अनुसार एपीएसईजेड को 276 एकड़ में से 231 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने के बाद गांव में केवल 45 एकड़ चरागाह भूमि बची है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह कदम अवैध है क्योंकि गांव में पहले से ही चरागाह भूमि की कमी है। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि यह भूमि आम है और सामुदायिक संसाधन है। 2014 में राज्य सरकार ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर ने चरागाह के उद्देश्य से अतिरिक्त 387 हेक्टेयर सरकारी भूमि देने का आदेश पारित किया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया था।

बावजूद जब ऐसा नहीं हुआ, तो उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की गई। इसके बाद 2015 में गुजरात सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की। इस याचिका में कहा गया कि पंचायत को आवंटन के लिए उपलब्ध भूमि केवल 17 हेक्टेयर ही है। इसके बाद गुजरात सरकार ने शेष भूमि को लगभग 7 किलोमीटर दूर आवंटित करने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव ग्रामीणों को स्वीकार्य नहीं था। ग्रामीणों का कहना था कि मवेशियों के लिए इतनी लंबी दूरी तय करना संभव नहीं है।

इसके बाद अप्रैल 2024 में मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को समाधान निकालने का निर्देश दिया। जिसके बाद शुक्रवार को एसीएस ने हलफनामे के माध्यम से पीठ को सूचित किया कि गुजरात सरकार ने लगभग 108 हेक्टेयर या 266 एकड़ गौचर भूमि वापस लेने का फैसला किया है, जिसे पहले एपीएसईजेड को आवंटित किया गया था। राजस्व विभाग ने अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार 129 हेक्टेयर भूमि को गांव को वापस देगी। इसके लिए वह अपनी कुछ भूमि और अडानी समूह की फर्म से वापस ली जा रही 108 हेक्टेयर भूमि का उपयोग करेगी। हाईकोर्ट की पीठ ने गुजरात सरकार को इस प्रस्ताव को लागू करने का निर्देश दिया। इसके बाद हाईकोर्ट ने कार्यवाही 7 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।





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