गुरुग्राम DC कोर्ट कर्मचारी से 4.93 लाख का फर्जीवाड़ा: Myntra पर शॉपिंग के बाद हेल्पलाइन नंबर पर किया कॉल, चार महीने बाद एफआईआर – gurugram News

गुरुग्राम में ठगी के मामले में पुलिस की साइबर टीम जांच कर रही है।
गुरुग्राम में जिला उपायुक्त (DC) कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी के साथ 4.93 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा होने का मामला सामने आया है। ठगों ने तो जो किया सो किया, लेकिन पुलिस ने भी चार महीने बाद एफआईआर दर्ज की। एफआईआर के लिए पीड़ित कर्मी ने सीएम विंडो लगाई औ
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फर्रुखनगर तहसील के गांव महचाना निवासी कंवरपाल सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि 20 जनवरी 2025 को उन्होंने एक ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म मिंत्रा के कथित हेल्पलाइन नंबर 9279499401 पर संपर्क कर एक पार्सल की डिलीवरी की पुष्टि के लिए गूगल पे के माध्यम से भुगतान किया था।
पार्सल डिलीवरी के दो दिन बाद ट्रांसफर हुए रुपए
उन्हें बताया गया कि पार्सल 24 घंटे में डिलीवर हो जाएगा। उसी दिन दोपहर 3:35 बजे पार्सल प्राप्त हो गया। हालांकि इसके दो दिन बाद 22 जनवरी 2025 को दोपहर 2:11 बजे उनके बैंक खाते से 4 लाख 93 हजार रुपए की अनधिकृत निकासी हो गई। कंवरपाल उस समय मिनी सचिवालय में अपने कार्यालय में ड्यूटी पर थे।
फ्रॉड होते ही खाता बंद करवाया
घटना की जानकारी मिलते ही कंवरपाल ने तुरंत सेक्टर-15 स्थित एक्सिस बैंक शाखा में जाकर अपना खाता बंद करवाया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज की, जिसका शिकायत पावती नंबर 31301250004795 है। शिकायत के बावजूद उसकी केवल 10 हजार रुपए की राशि होल्ड हुई।
एफआईआर के लिए सीएम विंडो पर की शिकायत
इसके बाद पुलिस के पास वह चक्कर काटने लगा, लेकिन साइबर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। उसने थक हार कर सीएम विंडो पर शिकायत दी। चार दिन पहले तक एफआईआर नहीं हुई थी तो अपने सीनियर के माध्यम से कंवरपाल ने रिमाइंडर भिजवाया। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
पुलिस का पक्ष
इस बारे में साइबर थाना वेस्ट के एसएचओ संदीप का कहना है कि संबंधित शिकायत में एड्रेस का ईश्यू था। इसके अलावा शिकायतकर्ता की तरफ से पूरी जानकारी नहीं दी गई थी। साइबर क्राइम से संबंधित किसी भी केस में छानबीन के लिए सार जानकारी चाहिए होती है। अब मामला दर्ज कर लिया गया है और गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पाया कि ठगों ने संभवतः फिशिंग या अन्य साइबर तकनीकों का उपयोग कर शिकायतकर्ता के बैंक खाते तक पहुंच बनाई।
पुलिस के अनुसार यह साइबर ठगी का एक सुनियोजित मामला प्रतीत होता है, जिसमें ठगों ने संभवतः फर्जी हेल्पलाइन नंबर और भ्रामक संदेशों का उपयोग कर कंवरपाल को धोखा दिया।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन लेनदेन में सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध हेल्पलाइन नंबर या लिंक पर भरोसा करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें। कोई भी फ्रॉड होता है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम हेल्पलाइन में दर्ज करवाएं।