Published On: Mon, Jun 16th, 2025

गुरुग्राम में रात के अंधेरे में हरियाली पर चली कुल्हाड़ी: बिना परमिशन के 70 साल पुराने पेड़ काटे, शिकायत पर भी नहीं पहुंचे वन विभाग अधिकारी – gurugram News

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गुरुग्राम के सेक्टर पांच के पास अशोक विहार में काटे गए पेड़ के अवशेष।

गुरुग्राम के अशोक विहार फेस-3 में सेक्टर-5 की ओर जाने वाले रास्ते पर दशकों पुराने विशालकाय पेड़ों को रात के अंधेरे में काट डाला गया। आधी रात को कुछ लोगों ने रात के समय लगभग 70 वर्ष पुराने एक भारी-भरकम पेड़ के साथ-साथ एक जाटी और एक नीम के पेड़ को भी क

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इन पेड़ों से न केवल ऑक्सीजन मिलती थी बल्कि भीषण गर्मी में स्थानीय लोगों के साथ साथ पक्षियों और लावारिस जानवरों के लिए छाया और सुकून का साधन भी थे।

लकड़ियां ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर ले गए

स्थानीय निवासियों के अनुसार पेड़ों को काटने के बाद उनकी लकड़ियों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले जाया गया। कटे हुए पेड़ों के अवशेष को लगभग 500 मीटर दूर फेंक दिया गया, ताकि इस कृत्य के सबूत मिटाए जा सकें। यह घटना इतनी गोपनीय ढंग से अंजाम दी गई कि रात में किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। सुबह जब लोग सैर के लिए निकले, तब उन्हें इसका पता चला।

लोगों ने प्रकृति के खिलाफ अपराध बताया

पर्यावरण प्रेमी मनोज राणा ने इस घटना को प्रकृति के खिलाफ अपराध बताते हुए वन विभाग में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि ये पेड़ बिना किसी सरकारी अनुमति के काटे गए, जो पर्यावरण संरक्षण नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वन विभाग ने उनकी शिकायत तो ले ली, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इससे स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी और बढ़ गई है।

आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

स्थानीय निवासी प्रदीप कुमार ने बताया कि ये पेड़ हमारे लिए सिर्फ पेड़ नहीं थे, बल्कि हमारे जीवन का हिस्सा थे। गर्मियों में हम यहीं बैठकर सुस्ताते थे। बच्चे इनकी छांव में खेलते थे। अब यह जगह सूनी हो गई है। एक अन्य निवासी ने कहा कि पेड़ों को काटने वाले लोग पर्यावरण का नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ का ख्याल रखते हैं। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

नए पेड़ लगाने की अपील

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने क्षेत्र में नए पेड़ लगाने की भी अपील की, ताकि पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया है कि इस बारे में कार्रवाई की जाएगी।



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