Published On: Sat, Jun 15th, 2024

गुरुग्राम में ट्रैफिक पुलिसवालों के लिए AC जैकेट: गर्मी से बचाने के लिए बर्फ के पैड के ऊपर लगे हैं पंखे, वजन 3 किलो – gurugram News


गुरुग्राम में ट्रैफिक पुलिस के लिए आई एसी जैकेट।

हरियाणा के गुरुग्राम में ट्रैफिक पुलिस कर्मी अब भीषण गर्मी से बचने के एसी जैकेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें बर्फ के पैड डाले जाते हैं और साथ में दो पंखे भी लगे हैं। इसका वजन तीन किलो के करीब है। हर सिग्नल पर जब ट्रैफिक पुलिस कर्मी तपती गर्मी में अप

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एसीपी ट्रैफिक सुखबीर सिंह ने बताया कि गुरुग्राम में अभी 13 जैकेट हैं, जो 13 ट्रैफिक पुलिस जोनल ऑफिसर को प्रयोग के तौर पर दी गई हैं। भीषण गर्मी में ये जैकेट ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को सैंपल के तौर पर इसलिए दी गई हैं, ताकि ये देखा जाए की इसके परिणाम क्या रहते हैं। एसीपी ट्रैफिक की माने तो ट्रैफिक पुलिस कर्मी धूप में खड़े हो कर ड्यूटी करते हैं और अगर ये प्रयोग सफल हुआ तो इसके ऊपर आगे काम किया जायेगा।

ऐसे होता है एसी जैकेट का इस्तेमाल

पुलिस की इस AC जैकेट का वजन 3 किलो के करीब है। इस जैकेट के दो पार्ट हैं। दो जैकेट हैं। नीचे वाली जैकेट यानी पहले पार्ट में बर्फ के पैड हैं, जिनको फ्रीजर में जमाया जाता है और फिर जैकेट में डाल दिया जाता है। दूसरे पार्ट यानी ऊपर वाली जैकेट में सी टाइप चार्जर के साथ दो पंखे लगे हैं, जो फोन वाले पावर बैंक से कनेक्ट हो कर चलते हैं।

भीषण गर्मी है तो इन पंखों के चलने से नीचे वाली जैकेट है, उसमे बर्फ के पैड हैं, वो जल्दी से नही पिघलते और ज्यादा देर चलते हैं। इनको पहन कर जब ट्रैफिक पुलिस कर्मी रोड पर अपनी ड्यूटी करने जाते हैं तो उनको अंदर से ठंडक महसूस होती है।

पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ताे यही है कि हर दो घंटे में बर्फ की पैड कहां, किसके फ्रिजर में जमाएं।

पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ताे यही है कि हर दो घंटे में बर्फ की पैड कहां, किसके फ्रिजर में जमाएं।

जैकेट को पहनने से मिली राहत

गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस के ZO हरफूल सिंह की मानें तो गुरुग्राम पुलिस की ये अच्छी पहल है। उन्होंने बताया की सुबह से लेकर शाम तक काम करने से उनका शरीर पूरी तरह इस भीषण गर्मी से झुलस जाता है। लेकिन इस जैकेट को पहनने से कुछ राहत जरूर मिली है।

जैकेट में परेशानी भी कम नहीं

हालांकि पुलिस कर्मियों को प्रायोगिक तौर पर दी गई इस जैकेट में चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। जैसे कि ये जैकेट भारी भरकम है। बर्फ की पैड जल्दी पिघल जाती हैं। इनको फ्रिजर में जमाने के बाद 2 से ढ़ाई घंटे तक प्रयोग किया जा सकता है। फिर से इनकी पैड को जमाने के लिए फ्रिजर की जरूरत पड़ती है। फ्रिजर को भी पुलिस सड़क तक कैसे लाए, ये भी एक समस्या है। इसके अलावा शरीर के ऊपरी हिस्से तक सीमित ठंडा करने से तापमान में असंतुलन हो सकता है और संभावित स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।

पुलिस के जोनल ऑफिसर ये बोले-

पुलिस ZO हरफूल की माने तो अगर उनके आला अधिकारी इस जैकेट काे लेकर उनसे सुझाव मांगेंगे तो सबसे बड़ी परेशानी उसमें वजन की है, क्योंकि इस जैकेट का वजन तीन किलो से भी ज्यादा का है। वही अगर बर्फ पैड की बात की जाए तो 2 से ढाई घंटे में ये बर्फ पिघल जाती है। इसके बाद इनके बूथ के आस पास फ्रिज नही है। इसलिए उनको ये बर्फ के पैड कहां जमाए जाए, ये सोचना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि हालाकि ऊपर वाली जैकेट जिसमें पंखे लगे है, उसमे किसी भी तरह की शिकायत नहीं है। वही उन्होंने बताया की इस जैकेट से उनका आधा शरीर ऊपर से ठंडा होगा और नीचे पूरा गर्म, जो सबसे ज्यादा नुकसान दायक हाे सकता है।

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