गुरुग्राम एयर इंडिया ट्रेनिंग एकेडमी पहुंचे चेयरमैन एन चंद्रशेखरन: अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद इम्पलाइज को किया मोटिवेट, कहा-ये करियर का सबसे बड़ा संकट – gurugram News

गुरुग्राम में स्थित एयर इंडिया हेडक्वार्टर और ट्रेनिंग एकेडमी में पहुंचे चेयरमैन एन चंद्रशेखरन।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद पहली बार टाटा संस और एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन गुरुग्राम स्थित एयर इंडिया के मुख्यालय और एयर इंडिया ट्रेनिंग एकेडमी में पहुंचे। यहां सोमवार शाम को उन्होंने 700 से ज्यादा कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया और अहमदाबाद प
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गुरुग्राम के सेक्टर 78 में एयर इंडिया का आपातकालीन कमांड सेंटर, एकीकृत संचालन कमांड सेंटर, कस्टमर सर्विस तथा हेल्प सेंटर है। उन्होंने कर्मचारियों से कहा है कि मैं जो कुछ भी कहूंगा और जो कुछ भी करूंगा, उससे लोगों की जान वापस नहीं आएगी। कर्मचारियों से चंद्रशेखरन ने कहा कि हमें जांच का इंतजार करना चाहिए, क्योंकि एविएशन सिस्टम की जटिलता से हम लोग परिचित हैं. इसलिए हमें शांत और फोकस रहना चाहिए। आपकी हर छोटी बड़ी पहल एयर इंडिया के भविष्य से जुड़ा हुआ है।

एयर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन
कर्मचारी हौसला दिखाए
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को हौसला दिखाने की जरूरत है और इस घटना से सबक लेते हुए एक सिक्योर एविएशन कंपनी बनाने की राह पर बढ़ना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम आगे बढ़ते रहें। हम जो भी करें, उसमें और दृढ़ निश्चयी रहें। हमें जांच के पूरी होने का इंतजार करना होगा, ताकि घटना के कारणों का पता चल सके।
हम प्रभावित परिवार की मदद करेंगे
चंद्रशेखरन ने कहा कि इस बारे में बात करने का यह सही समय नहीं है कि हम क्या करेंगे, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हम उन सभी लोगों को हमेशा के लिए अपना परिवार मानेंगे, जिन्होंने किसी को खो दिया है। जो लोग प्रभावित हुए हैं, वे बहुत लंबे समय तक दर्द महसूस करेंगे। लेकिन हमें उनमें से प्रत्येक की मदद करने के लिए मानवीय रूप से जितना संभव हो सबसे अच्छा प्रयास करना होगा। 274 लोगों की जान गई दरअसल 12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI 171) विमान 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को लेकर सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद एक मेडिकल हॉस्टल पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई। सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बचा। विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे। विमान में 12 क्रू मेंबर थे। विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद 36 और लोग मारे गए। यानि इस हादसे में 274 लोगों की जान चली गई।