Published On: Mon, Jun 9th, 2025

गांव तिगड़ाना के ग्रामीणों ने डीसी को सौंपा ज्ञापन: बोले- हांसी में ना करें शामिल, भिवानी में रखा जाए गांव – Bhiwani News

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डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए गांव तिगड़ाना के ग्रामीण

भिवानी जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर स्थित गांव तिगड़ाना को हांसी जिले में शामिल किए जाने की प्रस्तावित योजना को लेकर तिगड़ाना के ग्रामीणों में रोष जताया। इसको रद्द कर गांव तिगड़ाना को हांसी की बजाए भिवानी जिला में ही शामिल रखे जाने की मांग उठ

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गांव तिगड़ाना के सरपंच सुरेंद्र कुमार व ठेकेदार नवीन तंवर ने तिगड़ाना गांव की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान भिवानी जिले से जुड़ी है। जिसे किसी भी हाल में तोड़ने नहीं दिया जाएगा। गांव तिगड़ाना की भौगोलिक स्थिति, जनसुविधाएं और प्रशासनिक जरूरतें भिवानी से जुड़ी हुई हैं। गांव वाले रोजमर्रा के कार्यों के लिए भिवानी पर निर्भर हैं, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों या कृषि संबंधी कार्य। ऐसे में 43 किलोमीटर दूर हांसी जिले में शामिल करने से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। गांव तिगड़ाना व तिगड़ी की जनसंख्या करीबन 25 हजार तथा मतदाता करीबन 11 हजार है तथा दोनों गांव का एक ही सरपंच निर्वाचित होता है।

डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए गांव तिगड़ाना के ग्रामीण

डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए गांव तिगड़ाना के ग्रामीण

हांसी में शामिल होने पर लोगों पर बढ़ेगा आर्थिक खर्च उन्होंने कहा कि गांव से जिला मुख्यालय भिवानी की दूरी मात्र 7 किलोमीटर होने से ग्रामीणों को अपने विभिन्न कार्यों के लिए भिवानी आने के लिए कम आर्थिक खर्च वहन करने के साथ वाहन भी आसानी से मिल जाते है। इससे उनके समय व रुपए दोनों की बचत है। लेकिन यदि तिगड़ाना को हांसी जिला में शामिल कर दिया गया तो ग्रामीणों को अधिक खर्च व समय लगेगा, जिससे उनकी आर्थिक परेशानियां बढ़ने के साथ रोजमर्रा के कार्य भी प्रभावित होंगे। जिसका ना कोई औचित्य नहीं बनता तथा यह तिगड़ाना के ग्रामीणों के हितों के भी विपरीत है। ऐसे में वे मांग करते है कि गांव तिगड़ाना को भिवानी जिला में रखा जाए।

जरूरत पड़ी तो रोड जाम भी करेंगे परमजीत मड्डू व अन्य ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देगा तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। जरूरत पड़ी तो रोड़ जाम या अन्य राह अपनाकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे। डीसी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों और भावनाओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और उचित निर्णय लिया जाएगा।



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