गली-गली साधु बन घूमता था शख्स, पुलिस ने पूछा नाम, सुनते ही सामने आ गया 35 साल पुराना पाप!

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हिण्डौन सिटी में सूरौठ पुलिस ने 35 साल से फरार हत्यारे रणवीर जाट को गिरफ्तार कर लिया. 1989 में रामभरोसी प्रजापत की हत्या के बाद वह साधु के भेष में यूपी, गुजरात, हिमाचल और हरियाणा में छिपा था. 10 हजार के इनामी इ…और पढ़ें

ढिंढोरा गांव में एक मामूली विवाद ने खूनी रूप ले लिया
हाइलाइट्स
- रणवीर जाट 35 साल बाद गिरफ्तार
- साधु के भेष में यूपी, गुजरात, हिमाचल में छिपा था
- बरसाना में जल महल के पास पकड़ा गया
राजस्थान के करौली जिले के हिण्डौन सिटी में सूरौठ थाना पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले में बड़ी सफलता हासिल की है. 35 साल से फरार चल रहे हत्यारे रणवीर जाट को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया. यह वही रणवीर जाट है, जिसने 22 मार्च 1989 को ढिंढोरा गांव के रामभरोसी प्रजापत की धारदार हथियारों से हत्या कर दी थी. इस घटना ने उस समय पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी और रणवीर जाट तब से पुलिस की पकड़ से बाहर था. साधु के भेष में देश के अलग-अलग राज्यों में छिपकर फरारी काट रहे इस अपराधी को आखिरकार बरसाना में जल महल के पास धर दबोचा गया.
यह मामला 1989 का है, जब ढिंढोरा गांव में एक मामूली विवाद ने खूनी रूप ले लिया. जानकारी के अनुसार, रामभरोसी प्रजापत और रणवीर जाट के बीच सार्वजनिक कुएं पर मवेशियों को पानी पिलाने को लेकर झगड़ा हुआ था. यह छोटा सा विवाद इतना बढ़ गया कि रणवीर ने गुस्से में आकर धारदार हथियारों से रामभरोसी की निर्मम हत्या कर दी. इस घटना के बाद रणवीर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, 1991 में जमानत पर रिहा होने के बाद रणवीर फरार हो गया और उसका कोई सुराग नहीं मिला.
साधु बन घूम रहा था हत्यारा
रणवीर जाट की चालाकी ऐसी थी कि उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए साधु का भेष धारण किया. वह उत्तर प्रदेश के गोवर्धन और बनारस, गुजरात के जूनागढ़, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में साधु के रूप में घूमता रहा. इस दौरान उसने अपनी असली पहचान को पूरी तरह छिपाए रखा. पुलिस को उसकी तलाश में कई बार चकमा देने में वह कामयाब रहा. उसकी फरारी इतनी लंबी थी कि पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.
गुप्त सूचना पर हुई गिरफ्तारी
31 अक्टूबर 2017 को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने रणवीर जाट को हत्या के मामले में सजा सुनाई थी लेकिन वह तब भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ. उसकी लगातार अनुपस्थिति ने पुलिस के लिए चुनौती को और बढ़ा दिया. हालांकि, सूरौठ थाना पुलिस ने हार नहीं मानी. डीएसपी गिरधर सिंह के सुपरविजन में एसएचओ महेश कुमार मीणा और उनकी टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया. कई महीनों की मेहनत और तकनीकी संसाधनों के उपयोग के बाद पुलिस को रणवीर के बरसाना में होने की जानकारी मिली.
जलमहल के पास बना था साधु
पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन चलाया और बरसाना में जल महल के पास साधु के भेष में घूम रहे रणवीर जाट को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपने अपराध को कबूल किया और बताया कि वह पिछले 35 सालों से अलग-अलग राज्यों में साधु के रूप में छिपकर रह रहा था. इस गिरफ्तारी ने न केवल पुलिस की मेहनत को रंग लाया बल्कि उस पीड़ित परिवार को भी न्याय की उम्मीद दी, जो दशकों से इंसाफ का इंतजार कर रहा था.
मेहनत की हुई तारीफ
सूरौठ थाना पुलिस की इस कार्रवाई की इलाके में खूब सराहना हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने पुराने मामले में भी पुलिस ने जिस तरह से अपराधी को पकड़ा, वह काबिल-ए-तारीफ है. डीएसपी गिरधर सिंह ने बताया कि यह ऑपरेशन तकनीकी जानकारी और टीमवर्क का नतीजा है. एसएचओ महेश कुमार मीणा ने कहा कि उनकी टीम ने दिन-रात मेहनत की और आखिरकार इस फरार अपराधी को पकड़ने में सफलता हासिल की.

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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