गर्मी में सुरक्षित रेल यात्रा के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के निर्देश.

नई दिल्ली. गर्मी से उत्तर भारत सुलझ रहा है. इस आग बरसाती में ट्रेन से सफर करना परेशानी भरा होता है, खासकर नॉन एसी कोच से सफर करना मुश्किल होता है. सफर के दौरान अगर बीच रास्ते में कहीं पर ट्रेन रुक जाए तो आप परेशान न होना. भारतीय रेलवे ने यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने के लिए इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. आप भी इसे जान लें.
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ द्वारा संरक्षा पर अधिकारियों की नियमित बैठक कर स्थिति की समीक्षा की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने और गर्मियों के दौरान संरक्षित रेल संचालन के लिए अधीनस्थ कर्मचारियों की समय – समय पर काउंसलिंग करने के निर्देश दिए हैं.
संरक्षा अभियान के तहत रेल पटरियों की पेट्रोलिंग करने वाले ट्रैकमैनो को विशेष निर्देश दिए गए हैं की वे पटरियों की अच्छी तरह से निरीक्षण करें. ट्रैक वेल्डिंग की, गिट्टियों की, फिटिंग्स इत्यादि को नियमानुसार जांच करते रहें. पटरियों पर जीरो मिसिंग फिटिंग सुनिश्चित करने के लिए फिटिंग्स की रिकूपमेंट और पर्याप्त टो लोड सुनिश्चित किया जाए. रनिंग रेल के साथ कोई भी लिफ्टिंग या टेंपरिंग कार्य केवल ट्रैफिक ब्लॉक के तहत ही किया जाए, वह भी जब तापमान परमीसिबल लिमिट के भीतर हो. गर्म मौसम में पेट्रोलिंग के लिए रेल तापमान रिकार्ड की निगरानी रखें.
बिजली के सब स्टेशन, वितरण नेटवर्क, पैनल, ट्रांसफार्मर, एयर कंडीशनिंग प्लांट, एसी,पंप, कूलिंग प्लांट, डीजी सेट, लिफ्ट, एस्केलेटर, पंखे आदि की कार्य क्षमता की लगातार जांच की जा रही है. आग़ से बचाव के उपाय, अर्थिंग नेटवर्क, स्विच गियर की उचित रेटिंग को चेक किया जा रहा है.
एसी कोचों के उपकरणों व पावर कार का सही रखरखाव सुनिश्चित किया जा रहा है. अग्निशमन यंत्रों तथा स्मोक डिटेक्शन प्रणाली की विशेष जांच की जा रही है. संरक्षित रेल संचालन के लिए ट्रेन के इंजन के पावर इक्विपमेंट,फ्यूल टैंक, रेडिएटर फैन, वाटर कूलिंग सिस्टम आदि की गहन जांच की जा रही है. गर्म तापमान के दौरान लोकोमोटिव में हॉट इंजन की समस्या की रोक के लिए लोको पायलटों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि इंजन रूम के सभी दरवाजे में रेडिएटर रूम का दरवाजा ठीक से बंद करें। पानी के तापमान और ल्यूब ऑयल प्रेशर पर ध्यान रखें.