खेल : हॉकी – ‘अपनी विदाई देखकर सचिन की याद आई
‘अपनी विदाई देखकर सचिन की याद आई रिटायर होने के बाद सबसे ज्यादा क्या ‘मिस करेंगे, इस सवाल पर श्रीजेश ने सम्मान समारोह के बाद कहा, जैसे सचिन ने कहा था कि मैदान में ‘सचिन-सचिन का शोर वह कभी भुला नहीं पाएंगे तो ओलंपिक में आखिरी चार मैचों से मुझे भी यह सुनाई दे रहा था ‘श्रीजेश-श्रीजेश। हमने बचपन में बस सचिन सचिन ही सुना है और उस पल मुझे एकबारगी लगा कि मैंने भी देश के लिए कुछ किया है।
भारत के लिए 336 मैच खेल चुके दिग्गज ने कहा, मैं मैदान में उतरते समय पैड पहनना मिस करूंगा। लोग पहले दायां पैर रखते हैं लेकिन मैं बायां पैर पहले रखता था। हॉकी में वॉर्मअप, रूम, मीटिंग, खिलाड़ियों को मैदान पर गालियां देना, साथ में खाना सब कुछ मिस करूंगा। मेरा जीवन अब तक टीम के साथ ही रहा है, इनके बिना मुझे कुछ पता नहीं है। अब इनके बिना जिंदगी के बारे में सोचना पड़ेगा।
जूनियर टीम के कोच बनने जा रहे श्रीजेश ने कहा, अभी सोचा ही नहीं है कि रिटायर्ड लाइफ कैसी होगी। घर जाकर पहले दिन सोकर उठूंगा तो क्या करूंगा, अभी दिमाग को सिखाना होगा कि पिछले चौबीस साल का रूटीन बदल गया है। वैसे ऐसा होगा नहीं, फिटनेस का रूटीन खराब नहीं करूंगा।
उन्होंने कहा, बेटे को समझ में आ गया है कि अब पापा ज्यादा समय हमारे साथ रहेंगे। वह बोलता है कि पापा अभी और खेलो क्योंकि स्कूल में सभी को पता है कि उसके पापा देश के लिए खेलते हैं। उसने मेरे पदक असैंबली में दिखाए थे। मेरे लिए यह गर्व का पल है क्योंकि मेरे बच्चों को मुझ पर गर्व है।