खानाबदोशियां: द्वीपों के देश नॉर्वे की सैर, स्टॉकहोम की ठंड और पेरिस का शाम

पंकज भार्गव जाने-माने टीवी पत्रकार और न्यूज एंकर हैं. खबरों की खोजबीन में उन्होंने दुनिया के कई देशों की खाक छानी है. इसी उड़ती खाक से पुस्तक के रूप में एक तस्वीर उभरी है- ‘खानाबदोशियां’. दरअसल, पंकज खबरों की खोजबीन में जमकर सैर-सपाटा भी करते हैं. अपने मित्रों की टोली के संग पंकज ऐसे ही घूमते-घूमते पहुंच गए हरियाली और संग्रहालयों के देश नॉर्वे में. नॉर्वे में घूमते हुए वे वहां कि संस्कृति और सभ्यता से रूबरू होते हैं और उनका दस्तावेजीकरण करते हैं. ‘खानाबदोशियां : यारों संग तफरीह’ पंकज की पहली पुस्तक है और इसे छापा है वाणी प्रकाशन ने.
खानाबदोशियां के पन्ने पलटते हुए आप बर्फीले देश से उठती ठंडी हवाओं की सिहरन के साथ यहां की हरीभरी वादियों की हल्की-हल्की सुंगध को भी महसूस करोगे. पुस्तक को इस तरह से लिखा गया है कि पढ़ता हुआ पाठक अपनी पीठ पर बैग लादे नॉर्वे की गलियों में गुजरने लगेगा.
नॉर्वे के बारे में पुस्तक में पंकज लिखते हैं- नॉर्वे एक दिलचस्प देश है, जिसके बारे में मैं पहले से काफी कुछ जानता तो था. लेकिन देखने के बाद तो मैं इसका दीवाना हो गया. इसके प्रति मेरी दिलचस्पी और बढ़ गयी. यहां का खुशनुमा माहौल आपको यहां से वापस जाने से रोकता है. यहां की हरियाली, पहाड़ और बर्फ आपको बाँध लेते हैं. नॉर्वे में हजारों द्वीप हैं जो इसकी खूबसूरती को चार चाँद लगाते हैं. यहां कई ऐसे द्वीप हैं जहां कई सालों से कोई नहीं रहता है. इन द्वीपों की देखरेख सरकार करती है. यही वजह है कि नॉर्वे के क्रीब 70 फीसदी हिस्से में हरियाली देखी जा सकती है. जितने दिलचस्प इसके
प्राकृतिक नज़ारे हैं, उतने ही दिलचस्प पब्लिक प्लेस भी. यहां आपको जगह-जगह पर फ्री स्वीमिंग फैसिलिटी मिल जायेगी, गर्मियों में लोग यहां अपने घरों के बाहर आपको इनज्वॉय करते दिख जायेंगे. हालांकि हम इसका आनन्द नहीं उठा सके. क्योंकि फरवरी की ठंड में इसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते थे. यहां गर्मियों में अगर आपको कोई अपनी बालकनी से पानी में कूदता दिख जाये तो आपको डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यहां अपार्टमेंट के बीच बहता पानी गर्मियों में इस काम ज़्यादा आता है.
नॉर्वे की नाइट लाइफ हमारे जैसे सैलानियों को खूब लुभाती है. नॉर्वे के लोगों का जीवन भी एंजॉय करते-करते बीतता है. ये लोग हफ्ते में कुछ ही घंट काम करते हैं और जिन्दगी जीने को काफी अहमियत देते हैं. वहीं हम भारतीयों की जिन्दगी काम और शिफ्ट में ही बीत जाती है. यूरोप के देशों की यही खासियत है यहां कुदरत और इन्सानियत को बहुत महत्व दिया जाता है. यहां आपको महिलाएं बस और ट्रेन चलाती तक दिख जाएंगी. नाइट क्लब में जो लड़कियां काम करती हैं उन्हें भी पूरी इज़्जत मिलती है.
जन्नत और नरक दोनों
नॉर्वे में जन्नत है तो यहां नरक भी है. क्यों चौंक गये ना? है न दिलचस्प देश? नॉर्वे में एक छोटा शहर है हैल. यह जगह भी सैलानियों को अपनी ओर खींचती है. क्योंकि यहां चारों तरफ जंगल-ही-जंगल हैं और कहते हैं कि यहां अजीब-सी आवाज सुनायी पड़ती है. हमारी दिलचस्पी नरक में नहीं थी, हम तो स्वर्ग के दर्शन करने आये थे, लिहाजा हम यहां नहीं गये.
ट्रॉम्सो सर्दियों में भारी बर्फबारी के बाद भी रुकता नहीं है. हालांकि यहां इतनी बर्फ गिरती है कि लोगों की सबसे बड़ी सिरदर्दी रास्तों और गाड़ियों से बर्फ हटाने की होती है. इस दौरान यहां गाड़ियों में विंटर टायर और स्पाइक्स का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि बर्फ में गाड़ियां आसानी से चल सकें. कई जगह सड़कों के किनारे या फिर नीचे हीटिंग सिस्टम लगाये जाते हैं.
खानाबदोशियां में नॉर्वे घूमते हुए आप झट से छलांग लगाकर स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम पहुंच जाते हैं. और फिर स्वीडन में दो रात बिताने के बाद सफर बढ़ता है डेनमार्क के कोपेनहेगन के लिए और फिर पहुंच जाते हैं पेरिस. अब स्वीडन, कोपनेहेगन और पेरिस में आप क्या देखते हैं, कैसा महसूस करते हैं, इसके लिए किताब के पन्ने पटलने होंगे.
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FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 21:05 IST