क्या है वो कानून… जिसके तहत लोअर कोर्ट नहीं सीधा हाईकोर्ट पहुंच गए अरविंद केजरीवाल? जानें दिल्ली के सीएम ने याचिका में क्या-क्या कहा

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा जांच की जा रही शराब घोटाले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. केजरीवाल ने जमानत के लिए सीधे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. वकीलों का कहना है कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 439 के तहत जमानत के लिए सीधे हाईकोर्ट जाने पर कोई रोक नहीं है.
अरविंद केजरीवाल ने याचिका में आरोप लगाया कि शराब नीति मामले में चल रही जांच की आड़ में सीबीआई उन्हें लगातार परेशान और परेशाहन कर रही है और इसे गंभीर निराशा और चिंता का विषय बताया. मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जब अप्रैल 2023 में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उन्होंने सीबीआई को पूरा सहयोग और सहायता प्रदान की. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध, असंवैधानिक और अस्थिर है, उन्होंने कहा कि रिमांड आदेश स्पष्ट रूप से नियमित हैं, जिससे गिरफ्तारी और कार्यवाही की पूरी प्रक्रिया खराब हो रही है.
अरविंद केजरीवाल की याचिका में कहा गया है कि जांच पूरी हो चुकी है और गिरफ्तारी का आधार बनने वाली साक्ष्य पहले ही एकत्र की जा चुके है. सीबीआई जैसी प्रमुख जांच एजेंसी कानून की प्रक्रिया से नहीं बच सकती. उसे पक्षपात या एकतरफा दृष्टिकोण की किसी भी धारणा को दूर करते हुए निष्पक्षता और निष्पक्षता के साथ काम करना होगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री की सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उन्हें एजेंसी की हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका भी हाईकोर्ट के सामने पेंडिंग है.
कोर्ट ने सीबीआई से 7 दिन में मांग है जवाब
मंगलवार को मुख्यमंत्री के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह शराब नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में नियमित जमानत के लिए जल्द ही आवेदन दायर करेंगे. इस बीच, अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर जवाब देने को कहा. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को 17 जुलाई को बहस के लिए लिस्ट किया है.
केजरीवाल की कौन-कौन सी याचिकाएं?
अपनी गिरफ्तारी के अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने ट्रायल कोर्ट के 26 जून और 29 जून के आदेशों को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें क्रमशः तीन दिनों के लिए सीबीआई हिरासत और 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एक संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में थे. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके निर्माण और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था.
सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया.
Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam
FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 14:24 IST