Published On: Mon, Jul 1st, 2024

कौन हैं IAS अफसर KK, जिन्हें कहा गया PM मोदी की आंख और कान; अगले कदम पर नजर


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गुजरात सरकार में लंबे समय तक शीर्ष अधिकारी रहे कुनियिल कैलाशनाथन अब रिटायर हो गए हैं। KK नाम से मशहूर रहे कैलाशनाथन फिलहाल गुजरात सरकार में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहे थे और उनका सेवा विस्तार समाप्त हो गया था। उन्होंने सरकार के फैसले का इंतजाम किए बिना वीआरएस ले लिया। उनका सरकार से अलग होना एक दौर के समाप्त होने जैसा है। केके ने नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान काम किया था और उनके बेहद करीबी थे। इसके बाद की सरकारों में भी वह बने रहे और कहा जाता था कि वह गुजरात के मामलों में पीएम मोदी की आंख और कान हैं। 

केके ने गुजरात सरकार में 45 सालों तक काम किया और वह नरेंद्र मोदी सरकार के दौर से ही एक पावर सेंटर के तौर पर उभरे थे। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी ने पीएम के तौर पर कमान संभाली, तब भी वह गुजरात में ही रहे। कहा जाता था कि पीएम मोदी को उनके जरिए ही गुजरात की रिपोर्ट्स मिलती रहीं और वह उनके आंख और कान के तौर पर काम करते रहे। उन्हें इन सालों में सुपर सीएम जैसी उपाधि भी मिली हुई थी। अब जब वह रिटायर हुए हैं तो कहा जा रहा है कि उन्हें राज्यपाल की भूमिका भी मिल सकती है। 72 साल के कैलाशनाथन के अगले कदम पर फिलहाल सबकी नजर है।

गुजरात के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि केके की विदाई का असर दिख सकता है। केरल के रहने वाले केके ने मद्रास यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएशन किया था। इसके बाद आईएएस बने और उनका कैडर गुजरात था। उन्हें गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में डीएम के तौर पर पहली पोस्टिंग मिली थी। इसके बाद से वह लगातार गुजरात में ही बने रहे। उन्होंने कई विभागों में सेवाएं दीं और आगे बढ़ते-बढ़ते प्रधान सचिव तक बने। वह राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर भी 1994-95 में काम कर चुके हैं। अहमदाबाद में पानी की किल्लत दूर करने के लिए रास्का प्रोजेक्ट का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।

लगातार 11 सालों तक केके को मिलता रहा सेवा विस्तार

कैलाशनाथन को 2006 में सीएमओ में जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद लगातार 18 साल तक यहां काम किया और अब विदाई ली है। 2013 में उन्हें राज्य की मोदी सरकार ने अडिशनल चीफ सेक्रेटरी बनाया था। उन्हें बीते 11 सालों से लगातार सेवा विस्तार ममिल रहा था। नरेंद्र मोदी जब पीएम बने, तब भी कैलाशनाथन उनके करीबी बने रहे। 

PM मोदी की इन योजनाओं के सूत्रधार रहे कैलाशनाथन

मोदी के महत्वाकांक्षी GIFT सिटी, नर्मदा परियोजना और गांधी आश्रम के पुनर्विकास जैसी परियोजनाओं को केके ने ही अमलीजामा पहनाया था। नरेंद्र मोदी के दिल्ली पहुंचने के बाद गुजरात ने अब तक तीन मुख्यमंत्री देखे, लेकिन कैलाशनाथन का कद कभी कम नहीं हुआ। केके को लेकर फिलहाल चर्चा है कि उन्हें केंद्र में कोई जिम्मेदारी मिल सकती है या फिर उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल अथवा किसी केंद्र शासित प्रदेश का एलजी भी बनाया जा सकता है।

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