Published On: Sun, Jul 7th, 2024

कोसी नदी में तेज उफान से बाढ़ के हालात, कई गांव डूबे; घरों में पहुंचा पानी


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भारी बारिश के बाद कोसी नदी में उफान आने से सुपौल जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं। सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़ भपटियाही प्रखंडों के तटबंध के अंदर निचले इलाकों में पानी फैल गया है। लगभग तीन दर्जन से अधिक गांव डूब गए हैं। लोगों के घरों में आंगन और दरवाजे तक दो-दो दो फीट पानी भर गया है। ऐसे में लोग पलायन कर ऊंचे स्थान पर जाने की तैयारी में जुट गए हैं। कोसी नदी में रविवार को इस साल का सर्वाधिक जलस्तर सुबह 10 बजे 3 लाख 70 हजार 150 क्यूसेक पार कर गया। नेपाल के बराह क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार क्यूसेक जलस्तर  रिकॉर्ड किया गया है। दोनों जगहों पर जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 

फ्लड फाइटिंग से जुड़े इंजीनियरों में बेचैनी बढ़ गई है। जल संसाधन विभाग, वीरपुर के मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। तटबंध पर दिन-रात पेट्रोलिंग बढा दी गई है। फिलहाल कोई खतरा नहीं है। सभी जगह पर लोग सुरक्षित हैं। इंजीनियर की टीम एंबुलेंस के साथ तटबंध पर चौकसी बरत रही है। 

जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि सभी सीओ को आवश्यकता के अनुसार नाव परिचालन शुरू करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि जलस्तर में बढ़ोतरी को लेकर लोगों को अलर्ट कर दिया जा रहा है।  कोसी तटबंध सुरक्षित है। वहीं, पूर्वी कोसी तटबंध पर 16.98, 26.40  एवं कुसहा डिवीजन के 117.15 किलोमीटर पर पानी का दबाव है। 

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सरायगढ़ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर दर्जनों गांव में लोगों के घर आंगन में 2 से 3 फीट तक पानी फैल गया है। तटबंध के अंदर ढोली, बनैनिया, लोकहा पंचायत मुख्य रूप से जबकि भपटियाही, सरायगढ़ और चांदपीपर पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुई है। तटबंध के अंदर के ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों के घर आंगन में दो से तीन फीट तक पानी फैल जाने के कारण वे पलायन करने लगे हैं। मगर ऊंचे स्थान पर जाने के लिए सरकारी स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं होने होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। 

ग्रामीणों के सामने अपना पेट भरने के साथ ही पशुओं के लिए चारा जुटाने की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। तटबंध के अंदर के लोगों में त्राहिमाम की स्थिति है। ग्रामीण पलायन करके टिला सहित अन्य ऊंची जगहों पर  शरण ले रहे हैं।

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