Published On: Mon, Dec 2nd, 2024

‘कोल्हू का बैल’ कहावत हुई पुरानी, अब बैल नहीं बाइक से चलती है तेल निकालने वाली घाणी, देख हर कोई रह जाता है दंग



बाड़मेर. हमारे देश में जुगाड़ से काम करने वालों की कमी नहीं है. जरूरत कैसी भी हो यहां जुगाड़ निकाल ही ली जाती है. सरहदी बाड़मेर में भी इन दिनों एक जुगाड़ की चर्चे हर तरह हो रही है. भीलवाड़ा से आए एक परिवार द्वारा कच्ची घाणी में तिलहन से तेल निकालने के काम में बैल के स्थान पर मोटरसाइकिल को घूमते देखकर लोग आश्चर्यचकित जाते हैं.

गांव से लेकर शहर तक हम देसी घाणियों में बैल को जोत कर तेल निकालते बरसों से देख रहे हैं. जमाने की बदलती रफ्तार के साथ जब खेतों में बैलों की जगह ट्रैक्टरों ने ले ली है तो तेल की घाणी में भी इसकी जगह अब बाइक ले रही है. बाड़मेर में तिल का तेल व सेलाणी निकालने के लिए घाणी लगाई गई हैं, लेकिन इनमें बैल की जगह मोटरसाइकिल का उपयोग किया जा रहा है.

दरअसल, भीलवाड़ा के बागौर तहसील के रहने वाले उदयराम और सुनील हर सर्दियों की सीजन में बाड़मेर आकर देसी जुगाड़ से घाणी चलाते हैं. जैसा कि वीडियो में आप देख पा रहे है कि कैसे मोटरसाइकिल से घाणी से तेल निकल रहा है जिसमें एक बाइक अपने आप चल रही है. ना तो इस पर कोई सवार है, ना तो इसका कोई गियर चेंज कर रहा है और ना ही कोई रेस दे रहा है. बाड़मेर शहर के पीजी कॉलेज रोड़ पर इस घाणी पर मोटरसाइकिल बैल का काम कर रही है.

पेट्रोल से लागत कम आती है
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि मोटरसाइकिल की जरूरत कहीं आने-जाने के लिए पड़ती है तो उसे जुगाड़ से बाहर निकाल कर अपना काम निपटाया जा सकता है. बैल के लिए चारा पानी व अन्य वस्तुओं की व्यवस्था के साथ उसकी देखभाल काफी मुश्किल भरा काम होता है, लेकिन बाइक से संचालित घाणी में केवल पेट्रोल की खपत होती है, जो सस्ता भी पड़ता है. सुनील और उदयराम बाड़मेर में तिल का तेल 360 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेच रहे हैं. सुनिल ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा से बाड़मेर तक बैल को लाने में हजारों मुश्किले होती हैं, इसलिए बैल की जगह मोटरसाइकिल को ही कोल्हू को जोत दिया है. वह बताते हैं कि बैल से तिल की घाणी बनाते समय बैल के लिए चारा, पानी व अन्य वस्तुओं की जरूरत होती है लेकिन बाइक से संचालित घाणी में केवल पेट्रोल की खपत होती है, जो सस्ता भी पड़ता है. सर्दियो की सीजन में 2 महीने रहकर यहां घाणी निकालते है जोकि बाड़मेर में खूब पसंद किया जा रहा है.

Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news

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