Published On: Thu, Nov 7th, 2024

कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट का प.बंगाल से बाहर केस ट्रांसफर करने से इनकार; डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से सुझाव मांगे


नई दिल्ली/कोलकाता22 मिनट पहले

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इस केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय को घटना के अगले दिन (10 अगस्त) को ही गिरफ्तार कर लिया था। - Dainik Bhaskar

इस केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय को घटना के अगले दिन (10 अगस्त) को ही गिरफ्तार कर लिया था।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने CBI की अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट को लेकर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई किसी और राज्य में ट्रांसफर करने से भी इनकार कर दिया है।

डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर एक वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की रिपोर्ट दाखिल कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो NTF की रिपोर्ट की कॉपी केस से जुड़े सभी वकीलों, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे।

इसके बाद सभी याचिकाकर्ता और राज्यों के चीफ सेक्रेटरी इस पर अपने सुझाव दें। इसके लिए कोर्ट ने तीन हफ्ते का समय दिया है।

इससे पहले 4 नवंबर को पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने रेप और और मर्डर के मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। 11 नवंबर से मुकदमे की रोजाना सुनवाई होगी।

सोमवार को पेशी के बाद पुलिस जब संजय को बाहर लेकर निकली तो पहली बार वह कैमरे पर कहता नजर आया कि ममता सरकार उसे फंसा रही है। उसे मुंह न खोलने की धमकी दी गई है।

सोमवार को पेशी के बाद पुलिस जब संजय को बाहर लेकर निकली तो पहली बार वह कैमरे पर कहता नजर आया कि ममता सरकार उसे फंसा रही है। उसे मुंह न खोलने की धमकी दी गई है।

कोर्ट रूम लाइव

AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों के वकील: विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों की लीव अब तक नहीं लगाई गई है।

CJI: AIIMS के डायरेक्टर से मिलें और उन्हें दया दिखाने को कहें क्योंकि अब डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आए हैं।

वकील: इन्वेस्टिगेशन 90 दिन से चल रहा है और अब तक कुछ नहीं हुआ है।

CJI: ट्रायल जज के पास पूरी शक्ति है कि अगर उनके सामने नए सबूत आते हैं और उन्हें जरूरी लगता है तो वे दूसरी इन्वेस्टिगेशन शुरू कर सकते हैं।

वकील: इस केस से जुड़ीं डिस्टर्बिंग बातों को देखते हुए इस केस को पश्चिम बंगाल से बाहर शिफ्ट कर सकते हैं…

CJI: हम जानते हैं… हमने मणिपुर के भी कुछ मामलों की सुनवाई दूसरे राज्यों में शिफ्ट की थी।

हालांकि CBI वित्तीय अनियमितताओं और अन्य मुद्दों की जांच कर रही है। केस को दूसरे राज्य शिफ्ट नहीं किया जाएगा।

कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स पर नाराजगी जताई थी NTF ने दो श्रेणियों में सिफारिशें तैयार की हैं। पहला- शारीरिक हिंसा की रोकथाम और दूसरा- मेडिकल प्रोफ्रेशनल्स के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम। इससे पहले 15 अक्टूबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की वर्किंग को लेकर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने NTF को 3 हफ्ते के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने सुझाव देने के निर्देश दिए थे।

CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि NTF को डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन ये बहुत धीमी गति से काम कर रहा है। कोर्ट ने कहा था कि NTF की पहली बैठक 27 अगस्त को हुई थी। हैरानी की बात है कि 9 सितंबर के बाद से कोई बैठक नहीं हुई। कोई प्रोग्रेस क्यों नहीं हुई? इस टास्क फोर्स को अपने काम में तेजी लानी होगी।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में अब तक क्या हुआ

15 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में सिविक वॉलेंटीयर की भर्ती के बारे में सवाल पूछे थे और उनकी भर्ती और नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में डेटा मांगा था।

30 सितंबर: कोर्ट ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रेस्ट रूम, CCTV लगाने और शौचालय बनाने में राज्यों की “धीमी” प्रगति पर असंतोष जताया और 15 अक्टूबर तक पूरा करने को कहा।

17 सितंबर: कोर्ट ने CBI की स्टेटस रिपोर्ट पर नाराजगी जताई। साथ ही रिपोर्ट की जानकारी देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह का खुलासा जांच को खतरे में डाल सकता है।

9 सितंबर: कोर्ट ने अपने सामने रखे गए रिकॉर्ड से चालान (डॉक्टर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने वाला दस्तावेज) नहीं मिलने पर चिंता जताईऔर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी।

22 अगस्त: कोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी के लिए कोलकाता पुलिस की खिंचाई की थी। इसे “बेहद परेशान करने वाला” कहा था। कोर्ट ने डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय NTF का गठन किया था। कोर्ट ने घटना को “भयावह” बताते हुए FIR दर्ज करने में देरी और हजारों लोगों की भीड़ को सरकारी सुविधा में तोड़फोड़ करने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार की निंदा की थी।

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पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने 22 अक्टूबर को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया था, जो राज्य में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ सर्विस की क्वालिटी में भी सुधार करेगी। सरकार ने एक नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों से इस टास्क फोर्स के गठन का वादा किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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जगह- कोलकाता का आरजी कर हॉस्पिटल। तारीख 21 अक्टूबर। रात का वक्त था। हॉस्पिटल से कुछ दूर एक टेंट लगा है। यहां मौजूद लोग नारे लगा रहे थे। एक तरफ 8 डॉक्टर लेटे थे। वे बीते 16 दिन से भूख हड़ताल पर थे। अनशन 14 डॉक्टरों ने शुरू किया था, लेकिन 6 डॉक्टर हालत बिगड़ने की वजह से हॉस्पिटल में हैं। उनका इलाज क्रिटिकल केयर यूनिट में चल रहा है। पूरी खबर पढ़े…

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