Published On: Mon, Aug 26th, 2024

कोरोना महामारी के बाद दिल्ली में तेजी से घटी जन्म दर, आंकड़े कर देंगे हैरान


कोविड-19 महामारी के बाद दिल्ली में जन्म दर में गिरावट देखी गई है। सरकार की ताजा रिपोर्ट बतलाती है कि राष्ट्रीय राजधानी में यह प्रति 1,000 अबादी पर 18.35 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2000 में 14.85 हो गई। यही नहीं जन्म दर में गिरावट 2023 तक जारी रही। ‘दिल्ली में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण पर वार्षिक रिपोर्ट-2023’ में कहा गया है कि 3,01,168 संस्थागत जन्मों में से 1,94,428 (64.56 फीसदी) प्रसव सरकारी अस्पतालों में हुए। कुल संस्थागत प्रसव में से 1,43,891 (47.78 फीसदी) लड़कियां थीं। 13,919 गैर-संस्थागत जन्मों में से 7,216 (51.84 फीसदी) लड़कियां थीं।

‘दिल्ली में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण पर वार्षिक रिपोर्ट-2023’ में यह भी कहा गया है कि 13,919 गैर-संस्थागत प्रसव में 7,216 (51.84 प्रतिशत) लड़कियों का जन्म हुआ। गैर-संस्थागत प्रसव अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर होने वाले प्रसव हैं जो कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं कराता है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 3,01,168 संस्थागत प्रसव में से 1,94,428 (64.56 प्रतिशत) सरकारी अस्पतालों में हुए। कुल संस्थागत प्रसव में 1,43,891 (47.78 प्रतिशत) लड़कियों ने जन्म लिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली से उभरने वाले महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक जन्म दर है, जो 2005 से 2019 के बीच प्रति 1,000 आबादी पर 18-22 के बीच रही। हालांकि, कोविड-19 महामारी के बाद, 2020-2023 तक जन्म दर प्रति 1,000 जनसंख्या पर 13-15 के बीच रही। लेकिन, रिपोर्ट में आंकड़ों में गिरावट का कारण नहीं बताया गया है।

वर्ष 2019 में जन्म दर प्रति 1,000 आबादी पर 18.35 थी, जबकि 2020 में यह घटकर 14.85, 2021 में 13.13 और फिर 2022 और 2023 में क्रमशः 14.24 और 14.66 हो गई। वर्ष 2023 में बच्चों के जन्म की कुल संख्या में से 95 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा संस्थानों से हैं। संस्थागत प्रसव लगातार बढ़ रहा है। 2005 में यह केवल 73.72 प्रतिशत था।

वर्ष 2023 के दौरान कुल पंजीकृत प्रसव में संस्थागत प्रसव का अनुपात वर्ष 2022 की तुलना में (1.56 प्रतिशत) बढ़ गया है। वर्ष 2023 में अस्पतालों में कुल 3,01,168 बच्चों के जन्म हुए, अर्थात वर्ष 2023 के दौरान अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 825 बच्चों के जन्म हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल, अस्पतालों और घरों में मृत्यु होने के दर्ज आंकड़ों के बीच 67:33 का अनुपात रहा।

साल 2023 में 95.58 फीसदी जन्म अस्पतालों में हुए। यदि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जन्म के आंकड़ों को देखें तो सरकारी अस्पतालों में 61.71 प्रतिशत और प्राइवेट अस्पतालों में 33.88 प्रतिशत जन्म हुए। मात्र 4.42 प्रतिशत जन्म घर पर हुए। साल 2023 में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में हर दिन औसतन 533 बच्चे जीवित पैदा हुए जबकि 2022 में यह आंकड़ा 512 प्रतिदिन था। वहीं साल 2023 में प्राइवेट अस्पतालों में हर दिन 292 बच्चे जीवित पैदा हुए। साल 2022 में यह आंकड़ा 262 प्रतिदिन का था। कुल जन्मों में से 86.06 प्रतिशत एमसीडी जबकि 12.86 प्रतिशत एनडीएमसी में रजिस्टर्ड हुए।

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