Published On: Tue, Jul 30th, 2024

‘कोई तो आओ’: वायनाड में भूस्खलन में सैकड़ों फंसे, मलबे से आ रहीं मदद मांगती आवाजें, लोगों का रो-रोकर बुरा हाल


People make frantic phone calls seeking help after deadly landslides in Wayanad news in hindi

वायनाड में भूस्खलन
– फोटो : पीटीआई

विस्तार


एक तरफ देश के कई राज्य बारिश होने की दुआ कर रहे हैं तो वहीं कई राज्यों में बारिश अपना कहर बरपा रही है। असम से लेकर केरल तक मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के भारी भूस्खलन हुआ है, जिसमें सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। वहीं, इस हादसे में अबतक 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, वायनाड जिले के ऊंचाई वाले गांवों में मंगलवार तड़के भूस्खलन होने के बाद तबाह हुए घरों और मलबे के ढेर के बीच फंसे लोग फोन करके मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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आने-जाने का कोई रास्ता नहीं

टीवी चैनलों पर कई लोगों की फोन पर हुई बातचीत सुनाई गई। बातचीत में लोग रो रहे थे और अनुरोध कर रहे थे कि कोई उन्हें आकर बचा ले, क्योंकि वे या तो अपने घरों में फंसे हुए हैं या उनके पास आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है। यहां हालात बदतर बनी हुई है। पुल बह गए हैं और सड़कें जलमग्न हैं।

फूट-फूटकर रो रहे लोग

चूरलमाला शहर की रहने वाली एक महिला ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि उसके परिवार का एक सदस्य मलबे में फंसा हुआ है। उसे वहां से बाहर नहीं निकाला जा सकता। रोते हुए महिला ने आगे कहा, ‘कृपया कोई यहां आओ और हमारी मदद करो। हमने अपना घर खो दिया है। हम नहीं जानते कि नौशीन (परिवार की एक सदस्य) जिंदा भी है या नहीं। वह दलदल में फंस गई है। हमारा घर शहर में ही है।’

धरती अभी भी कांप रही

चूरलमाला के एक अन्य निवासी ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि धरती अभी भी कांप रही है और उन्हें नहीं पता कि क्या करना है। यहां बहुत शोर है। हमारे पास चूरलमाला से आने का कोई रास्ता नहीं है। 

लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे

इसके अलावा, एक शख्स ने फोन पर जानकारी दी कि मुंडक्कई में बड़ी संख्या में लोग दलदल में फंसे हुए हैं। यहां लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। उसने कहा कि अगर कोई मेप्पाडी से वाहन द्वारा यहां आ सकता है, तो हम सैकड़ों लोगों की जान बचा सकते हैं।

अचानक पेड़ गिरने लगे और…

घायल एक बुजुर्ग व्यक्ति ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि उनकी पत्नी लापता है और उन्हें नहीं पता कि वह कहां है। उन्होंने कहा कि हम घर में सो रहे थे। अचानक, एक जोर की आवाज सुनाई दी और हमारे घर की छत पर अचानक विशाल पत्थर और पेड़ गिरने लगे। बाढ़ का पानी घर में घुस गया, जिससे सारे दरवाजे टूट गए। उन्होंने कहा, ‘किसी ने मुझे तो बचा लिया और अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मेरी पत्नी के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिल पा रही है। 

वायनाड जिले में मंगलवार को हुए भूस्खलन में अब तक कईयों की मौत हो चुकी है। मुंडक्काई, चूरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र हैं। 





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