कैसे मान लें, NEET पेपर लीक से सिर्फ 25 को ही फायदा हुआ? CJI चंद्रचूड़ के तीखे सवाल
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NEET-UG Paper Leak SC Hearing: सुप्रीम कोर्ट में आज भी नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक समेत अन्य मुद्दों पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान बेंच ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या पेपर लीक का षडयंत्र रचने वाले परीक्षा केंद्र के अधीक्षक को गिरफ्तार किया गया है? इसका जवाब देते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हां उन दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्होंने पेपर लीक करने की साजिश रचने वालों से पैसे लिए थे। एसजी ने बताया कि केंद्र अधीक्षक के अलावा सिटी कॉर्डिनेटर को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस दौरान राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के वकील ने कोर्ट को बताया कि पेपर लीक की साजिश 2-3 महीने पहले ही रची गई थी। NTA के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि एक बिचौलिए ने इन दोनों (केंद्र अधीक्षक और सिटी कॉर्डिनेटर) से पेपर लीक गिरोह के सरगना की मुलाकात कराई थी और पैसों का लेन-देन करवाया था। बकौल NTA वकील पेपर लीक गिरोह के लोग एक ऐसे कमजोर परीक्षा केंद्र की तलाश में जुटे थे, जहां से वो पेपर लीक को अंजाम दे सकें।
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने पूछा, “जब उन्होंने 2-3 महीने पहले ही साजिश रची थी, तो ये हम कैसे मान लें कि इसका फायदा सिर्फ 25 लोगों को ही मिला होगा? क्योंकि इंसानी लालच तो साजिश से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की होती है। उन्होंने खुद को सिर्फ़ 25 लोगों तक ही सीमित रखा होगा, यह बात सही नहीं लगती?” इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसे लाभुक उम्मीदवारों की कुल संख्या 155 थी।
दरअसल, बेंच इस बात पर जिरह कर रही थी कि पेपर लीक के पीछे की साजिश क्या थी और उसमें कौन-कौन लोग शामिल थे क्योंकि परीक्षा केंद्र पर जब प्रश्न पत्र के पैकेट खुलते हैं, तब सिटी कॉर्डिनेटर और परीक्षा केंद्र के अधीक्षक, दोनों हस्ताक्षर करते हैं कि पैकेट से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई है। लेकिन इस मामले में प्रश्न पत्र के पेपर फटे हुए और बाद में चिपकाए हुए थे, बावजूद इसके दोनों ने इस घोषणा पत्र पर दस्तखत कर दिए थे कि प्रश्न पत्र से छेड़छाड़ नहीं हुआ है। इसके एवज में दोनों ने गिरोह से मोटी रकम वसूली थी। ये पेपर हजारीबाग के एक सेंटर से लीक हुए थे और व्हाटसएप के जरिए पटना भेजा गया था।
NTA नौ कोर्ट को बताया कि प्रश्न पत्र के पैकेट से ऑरिजिनल पेपर गायब नहीं मिले। यानी उसे बाहर निकालकर उसका प्रिंट आउट लिया गया, उसके बाद उसे बाहर सर्कुलेट किया गया। NTA ने कोर्ट को यह भी बताया कि उस पेपर को एक्सपर्ट से हल करवाने के बाद गिरोह के लोगों ने परीक्षार्थियों के उसके उत्तर रटवा दिए और पेपर जला दिए लेकिन उसकी एक कॉपी रह गई थी, जो गिरफ्तार लोगों के पास से बरामद की गई है। बता दें कि CJI डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।