केजरीवाल से जेल में क्यों नहीं मिल सकते संदीप पाठक, तिहाड़ जेल अधीक्षक ने हाईकोर्ट में बताई वजह
तिहाड़ जेल अधीक्षक ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष AAP नेता और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक को जेल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शारीरिक रूप से मिलने की अनुमति नहीं देने के अपने फैसले को उचित ठहराया है। उन्होंने ने अदालत को बताया कि संदीप पाठक ने जानबूझकर जेल नियमों का उल्लंघन किया और मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी दी। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ के समक्ष दिए अपने पांच पन्नों के हलफनामे में दावा किया गया है कि केजरीवाल के साथ बैठक के बाद संदीप पाठक ने मीडिया में बयान दिए जो दिल्ली जेल नियमों का उल्लंघन थे।
तिहाड़ जेल अधीक्षक की ओर से कहा गया है कि संदीप पाठक के मीडिया में दिए गए बयान राजनीति से प्रेरित थे। संदीप पाठक के पक्षपात के आरोपों को खारिज करते हुए अधीक्षक ने मंगलवार को दायर हलफनामे में कई गंभीर बातें कही गई हैं। उनका कहना है कि राज्यसभा सांसद पाठक को अप्रैल में हुए इस प्रकरण से पहले दो मौकों पर केजरीवाल के साथ बातचीत करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन आगे अधिकारी उनके आचरण के कारण उनकी ओर से किए गए अनुरोध को खारिज करने पर मजबूर हुए थे।
तिहाड़ जेल अधीक्षक की ओर से 20 अगस्त को दायर हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर जेल नियमों का उल्लंघन किया। याचिकाकर्ता ने अरविंद केजरीवाल के साथ हुई बातचीत के बारे में मीडिया से बात की। जेल प्रशासन याचिकाकर्ता के पिछले आचरण को देखते हुए जेल में केजरीवाल के साथ बैठक की सुविधा देने के पक्ष में नहीं है। तिहाड़ जेल अधीक्षक ने यह भी दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल को जेल नियमों के अनुसार अन्य आगंतुकों के साथ मुलाकात की अनुमति दी जा रही है। यह तथ्य साबित करता है कि जेल प्रशासन निष्पक्ष रूप से नियमों के अनुसार काम कर रहा है।
हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने मीडिया में ऐसे बयान दिए जो सीधे तौर पर दिल्ली जेल नियमों के खिलाफ थे। यही वजह है कि जेल प्रशासन को याचिकाकर्ता के आचरण पर गौर करते हुए उसकी मांग को खारिज करना पड़ा। हम यह भी बता देना चाहते हैं कि याचिकाकर्ता को मीडिया के सामने बयान देने से पहले अरविंद केजरीवाल के साथ दो मौकों पर जेल में बातचीत करने की इजाजत दी गई थी। यह तथ्य इस बात को साबित करता है कि जेल प्रशासन ने याचिकाकर्ता के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है। बता दें कि बीते 24 अप्रैल को जेल अधिकारियों ने संदीप पाठक को ईमेल भेजकर जेल में केजरीवाल से मिलने की उनकी अनुरोध को खारिज कर दिया था।