केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य पर मधुमक्खियों का हमला: शिवपुरी में माधव नेशनल पार्क में ड्रेजिंग मशीन का उद्घाटन करने पहुंचे थे; 12 से ज्यादा घायल – Shivpuri News

सिंधिया माधव नेशनल पार्क में झील में ड्रेजिंग मशीन का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
शिवपुरी में माधव नेशनल पार्क में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। वहां मौजूद 12 से ज्यादा लोगों को मधुमक्खियों ने काट लिया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला। सिंधिया यहां चांदपाठा झील पर ड्र
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घटना शनिवार दोपहर 3.30 बजे की है। चांदपाठा झील (रामसर साइट) के पानी पर बने प्लेटफॉर्म पर सेलिंग क्लब पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ कुछ लोगों को ही जाने की अनुमति थी। हालांकि कुछ घंटे बाद सिंधिया दूसरे कार्यक्रम अटैंड कर दोबारा वहां पहुंचे और ड्रेजिंग मशीन का उद्घाटन किया।
देखिए वहां की तस्वीरें

झील पर बने प्लेटफॉर्म पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया समेत कुछ ही लोगों को जाने की अनुमति थी।

मधुमक्खियों के हमले के बाद सुरक्षाकर्मियों ने सिंधिया को वहां से निकाला।

सुरक्षाकर्मी केंद्रीय मंत्री को गाड़ी तक लेकर आए। सिंधिया बिना उद्घाटन किए ही लौट गए।
कुछ ही लोगों को वहां जाने की थी अनुमति कार्यक्रम में सिंधिया समेत कुछ लोगों को नीचे जाने की अनुमति थी। बाकी लोगों को सेलिंग क्लब पर ऊपर ही रोक दिया था। कार्यक्रम में शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, सहित भाजपा के कई नेता पहुंचे थे।
ड्रोन की आवाज से उड़ी मधुमक्खियां बताया जा रहा है कि कार्यक्रम को शूट करने के लिए और सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर ड्रोन उड़ाया जा रहा था, उसी की आवाज और हवा के चलते मधुमक्खियां भड़क गई थी। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
दोबारा सेलिंग क्लब पहुंचे केंद्रीय मंत्री सिंधिया माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा का कहना हैं कि मधुमक्खियों ने कुछ लोगों को काट लिया था। इसके चलते कुछ देर के लिए कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। बाद में केंद्रीय सिंधिया जनसंपर्क कार्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोबारा सेलिंग क्लब पहुंचे। यहां उन्होंने ड्रेजिंग मशीन उदघाटन किया। साथ ही झील से जलकुंभी हटाते हुए भी देखी।

कुछ देर बाद सिंधिया दोबारा सेलिंग क्लब पहुंचे और ड्रेजिंग मशीन का उद्घाटन किया।
जुलाई 2022 में रामसर साइट किया था घोषित माधव नेशनल पार्क स्थित चांदपाठा (सांख्य सागर) झील को रामसर साइट में जुलाई 2022 में शाामिल कर लिया गया था। बता दें कि भोपाल का भोजताल प्रदेश की पहली रामसर साइट थी। इसके बाद चांदपाठा (सांख्य सागर) झील प्रदेश को प्रदेश की दूसरी रामसर साइट का दर्जा मिला था।
इस झील में हजारों की संख्या में मगरमच्छ हैं। इसके चलते इस झील के मगरमच्छों को रामसर साइट का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया था। इसके बाद 10 दिसंबर को माधव नेशनल पार्क में एक नर और मादा बाघ को छोड़ा गया था। बाद एक मादा बाघिन को ओर छोड़ दिया गया। यहां पीएम मोदी के जन्मदिन पर दो शावकों के जन्म की खुशखबरी भी केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने दी थी।

चांदपाठा झील में जलकुंभी की वजह से नौका विहार बंद है। पर्यटकों की संख्या भी घट गई।
जलकुंभी की वजह से यहां नौका विहार बंद यहां झील में मौजूद जलकुंभी को हटाने के लिए 1 करोड़ 20 लाख की लागत से ड्रेजिंग मशीन बुलवाई गई थी। सिंधिया इसका ही उद्घाटन करने पहुंचे थे। जलकुंभी की वजह से यहां नौका विहार बंद है। साथ ही पर्यटकों की संख्या भी लगातार घटती जा रही थी।
क्या है रामसर साइट और कन्वेंशन रामसर साइट विश्व के अलग-अलग हिस्सों में फैले वेटलैंड हैं। 1971 में जैव विविधता को बनाए रखने के लिए दुनिया भर के वेटलैंड को संरक्षित करने की दिशा में यूनेस्को की ओर से एक कन्वेंशन हुआ था। यह कन्वेंशन ईरान के रामसर में हुआ था। यहां अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड ट्रिटी पर कई देशों ने हस्ताक्षर किए थे। तब से विश्व के अलग-अलग देशों में जैव विविधता से परिपूर्ण वेटलैंडों की पहचान कर इसे रामसर साइट का टैग देकर इसे संरक्षित किया जाता है।
रामसर साइट का टैग मिलने के फायदे रामसर साइट का टैग मिलने से उस वैटलैंड पर पूरी निगरानी रखी जाती है। उसे पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए तैयार किया जाता है। रामसर साइट घोषित होने से पहले ही यह तय कर लिया जाता है कि यहां कितने तरह के पक्षियों की प्रजातियां पोषित हो रही है और यहां का इकोसिस्टम क्या है। इसके बाद एक तय वैश्विक मानक के तहत इसे संरक्षित किया जाता है। ऐसी जगहों पर वैसे निर्माण और अन्य गतिविधियों को रोक दिया जाता है, जिससे वेटलैंड की जैव विविधता प्रभावित होती हो।