Published On: Wed, Jun 19th, 2024

किताबें जला सकते हैं, पर ज्ञान नहीं; नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस के उद्घाटन पर बोले PM मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का लोकार्पण किया। इस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किताबें जल सकती हैं, लेकिन ज्ञान नहीं नष्ट हो सकता है। उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी को भारत का गौरव बताते हुए कहा कि हमारा देश मानव मूल्यों को संरक्षित करता है और जानता है कि इतिहास को कैसे पुनर्वजीवित किया जाता है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आगामी 25 साल देश के युवाओं के लिए काफी अहम हैं। उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में सहयोग के लिए सहयोगी देशों का धन्यवाद भी किया। पीएम ने कहा कि बिहार जिस तरह से विकास की ओर आगे बढ़ रहा है, नालंदा यूनिवर्सिटी का यह कैंपस उसी की प्रेरणा है।

नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा का अर्थ ‘न अलं ददाति इति नालंदा’, यानी जहां शिक्षा और ज्ञान का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा सीमाओं से परे है। इसे नफा नुकसान के नजरिए से नहीं देखा जा सकता है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। 

पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान और राष्ट्रीयता देखकर नहीं होता था। हर देश और हर वर्ग के युवा यहां आते थे। हमें उसी तरह नए परिसर को भी गति देनी है। कई देशों से यहां स्टूडेंट्स आने लगे हैं और 20 से ज्यादा देशों के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। आने वाले समय में नालंदा यूनिवर्सिटी विभिन्न देशों की संस्कृति के आदान-प्रदान का प्रमुख केंद्र बनेगी। यहां भारत और दक्षिण एशियाई देशों के आर्टवर्क पर काफी काम हो रहा है। इसके अलावा कई अन्य काम हो रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इतने कम समय में कई बड़े वैश्विक संस्थान नालंदा विश्वविद्यालय में एक साथ आए। इस साझा प्रयास से साझी प्रगति को नई ऊर्जा मिलेगी। भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान का एक माध्यम मानी जाती है। हम सीखते हैं, ताकि हमारे ज्ञान से मानवता का भला कर सकें। 

उन्होंने कहा कि दो दिन बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएं मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने बहुत गहन शोध किया, लेकिन किसी ने इस पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। इसके अलावा भारत ने आयुर्वेद को भी पूरे विश्व के साथ साझा किया। स्वस्थ जीवन के स्रोत के रूप में इसे देखा जा रहा है। यह सस्टेनेबल लाइफ का उदाहरण है। नालंदा यूनिवर्सिटी का यह कैंपस भी इसी भावना को आगे बढ़ा रहा है। यह देश का पहला ऐसा कैंपस है जो नेट जीरो एनर्जी, एमिशन और नेट जीरो वॉटर पर काम करेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि जब शिक्षा का विकास होता है तो अर्थव्यवस्था और संस्कृति भी मजबूत होती है। विकसित देश इसलिए आर्थिक रूप से सक्षम बने क्योंकि उन्होंने खुद को पहले शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत किया। प्राचीन काल में जब भारत शिक्षा के क्षेत्र में आगे था तब उसका आर्थिक विकास भी ऊंचाई पर था। 

25 साल भारत के युवाओं के लिए अहम : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अमृत काल के 25 साल भारत के युवाओं के लिए बहुत अहम हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के हर छात्र के लिए भी यह काल महत्वपूर्ण है। यहां से निकलकर छात्र जिस भी क्षेत्र में जाएं, आपमें मानवीय मूल्य की झलक दिखनी चाहिए। नालंदा की धरती विश्व बंधुत्व की भावना को नया आयाम दे सकती है। पीएम ने युवाओं से जिज्ञासु होने की अपील की। साथ ही कहा कि अपने ज्ञान को समाज के हित में लगाएं। इससे नालंदा और पूरे भारत का गौरव बढ़ेगा।

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